Unknown Facts About Kashmir ‘तू जानता ही क्या है कश्मीर के बारे में’, क्‍या आप जानते हैं कश्‍मीर के ये अनसुने सच

कश्‍मीर यानी जन्‍नत, कश्मीर यानी भगवान शिव और माता वैष्णवो का पावन धाम। लेकिन कश्‍मीर महज इतना नहीं है। वैसे कश्मीर का नाम सुनकर आपके मन में क्या ख्याल आता है, शायद खूबसूरत वादियां, लेकिन इन दिनों कश्मीरी पंडितों के दर्द को भी दुनिया महसूस कर रही है। वादियों में गूंजते कश्मीरी पंडितों के दर्द की आवाज भी सुनाई देती है। जो कि आपको अंदर तक झकझोर कर रख देती है। देश भर में इस वक्‍त सबसे ज्‍यादा चर्चा जिस फिल्‍म की है वो है कश्‍मीर फाइल्‍स। इस फिल्‍म के मुख्‍य किरदार अनुपम खेर एक दृश्‍य में अपने पोते को उस कश्‍मीर के बारे में बताते हैं जो पौराणिक काल में था। बेहद शांत, खूबसूरत और अद्भुत।

फिल्‍म का डायलॉग है
‘ जहां शिव सरस्वती ऋषि कश्यप हुए वो कश्मीर हमारा था, जहां पंचतन्त्र लिखा गया, वो कश्मीर हमारा था, तू जानता ही क्या है कश्मीर के बारे में।’

आज यही सवाल हम आपसे पूछते हैं कि जिस कश्‍मीर पर आज पाकिस्‍तान ढीठ की तरह अपना हक जताता रहता है। आखिर क्‍या है उसका इतिहास। आप क‍ितना जानते हैं इसके बारे में। इसके लिए आज हम आपको ले चलते हैं इतिहास के पन्‍नों में और बताते हैं कि कश्‍मीर का कश्‍यप कनेक्‍शन क्या है।

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कौन थे कश्‍यप ऋषि

पुराणों में कश्‍यप ऋषि को लेकर अनेक वर्णन मिलते हैं। ब्रह्माजी के 7 मानस पुत्रों में से एक मरीची थे। उन्‍होंने अपनी इच्‍छा से कश्‍यप नामक प्रजापति पुत्र उत्‍पन्‍न किया। फिर कश्‍यप ने दक्ष प्रजापति की 13 पुत्रियों से विवाह किया। शिव पुराण में बताया गया है कि कश्‍यप ऋषि का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था और यहीं पर वह अपनी तपस्‍या में लीन रहते थे। माना जाता है कि कश्‍मीर का नाम कश्‍यप ऋषि के नाम पर ही पड़ा। इस इलाके में कश्‍यप ऋषि और उनकी संतानों का ही साम्राज्‍य था।

सृष्टि के इतिहास में बताया जाता है कि कश्‍यप की इन्‍हीं पत्‍नियों से सृष्टि का विकास हुआ। देवताओं, असुरों और नागों को कश्‍यप ऋषि की ही संतान माना जाता है। आज पृत्‍वी पर जितने प्रकार के जीव जंतु और मनुष्‍यों को देखते हैं, दरअसल वे सभी कश्‍यप ऋषि की अलग-अलग पत्नियों से जन्‍मी संतानें ही हैं। पेड़ पौधे, शेर, बिच्‍छू, सांप, घोड़ा, हाथी सभी कश्‍यप ऋषि की ही संतानें हैं। पुराणों में इस बारे में भी बताया गया है कि कश्‍मीर के पहाड़ों में ही देवता और दानवों के बीच में युद्ध हुआ था पिस्सु टॉप में जो कि आज अमरनाथ यात्रा के रास्ते में है।

कश्मीर जानता है अमरता का रहस्य

संसार के लोग सृष्टि के आरंभ से अमर होने का रहस्य जानना चहते हैं लेकिन आज तक किसी को यह रहस्य नहीं पता चल पाया है। लेकिन कश्मीर ही एक मात्र वह स्थान है जहां अमरता के रहस्य से पर्दा उठाया गया था। भगवान शिव की अमरनाथ गुफा आज भी इस घटना की गवाही देती है।

कश्मीर है आदिशक्ति का घर

कश्मीर में स्थित त्रिकूट पर्वत को कौन नहीं जानता है जहां देवी त्रिकूटा का निवास है। देवी त्रिकूटा ही माता वैष्णो कहलाती हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वह गुफा में तीनों महादेवियों महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती के साथ रहती हैं।

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प्राचीन काल से ज्ञान का केंद्र कश्‍मीर
कश्मीर के इतिहास पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि कश्‍मीर प्राचीन काल से बौद्धिक, आध्‍यात्मिक और भौतिक ज्ञान का भी केंद्र रहा है। बताते हैं कि यहां बड़े-बड़े ऋषि और मुनियों ने आकर तपस्‍या की और ज्ञान हासिल किया। इतना ही नहीं आदि गुरु शंकराचार्य भी तपस्‍या करने के लिए केरल से चलकर कश्‍मीर पहुंचे थे। उन्‍होंने भी हिमालय की कंदराओं में अपनी तपस्‍या की और वैष्‍णव सभ्‍यता को जन्‍म दिया।

कश्मीर प्राचीन काल में ज्ञान और अध्यात्म का केंद्र रहा है इसका गवाह शारदा पीठ भी है। लेकिन कश्मीर महज इतना ही नहीं है। कश्मीर स्थित शेषनाग को भगवान विष्णु के सहचर शेषनाग की भूमि भी कहते हैं। यहां देवी क्षीर भवानी भी हैं जिनका संबंध रामायण काल से माना जाता है।