आपकी पत्नी एक बार फिर जोर देकर कहती है, लेकिन आप उठने के मूड में नहीं हैं, जिसके कारण आप बहाना बनाने लगते हैं कि आपको नमक नहीं मिलेगा। तीसरी बार आपकी पत्नी के कहने पर आप मन मारकर उठ तो जाते हैं लेकिन किचेन में अलमारी समेत कई जगह ढूंढ़ने के बावजूद आपको नमक मिलता ही नहीं है, जिसके कारण मजबूर होकर आपकी पत्नी को किचेन में आना पड़ता है और पहली बार में ही अलमारी में नमक मिल जाता है जो सामने ही रखा होता है। तब आपके उपर यह इल्जाम लगता है कि आपको जिस जगह इतना ढूंढ़ने पर भी नमक नहीं मिला, वहीं पर आपकी पत्नी ने एक ही बार में उसे कैसे ढूंढ़ लिया। निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि आप जो सोचते हैं, जिस प्रकार आपके मन की धारणा है, वह आपके कार्य पर खास प्रभाव डालती है।
आपके अन्तर्मन की धारणा की वजह से ही आपका दिमाग उस कार्य से जुड़ा एक काल्पनिक वातावरण तैयार करता है, जो आपकी सफलता या असफलता का जिम्मेदार होता है। आपके मन में कार्य की सफलता के प्रति विश्वास होना बहुत जरूरी है। जैसे कि किचेन से नमक लाने के बारे में आपने यह धारणा पहले ही बना ली, कि नमक आपको नहीं मिलेगा, जिसके कारण आपके दिमाग ने इसी धारणा पर कार्य किया और किचेन में आपको नमक नहीं मिला।