Sri Yantra Vastu श्रीयंत्र की पूजा करने में रखेंगे इन बातों का ध्‍यान तो मां लक्ष्‍मी बरसाएंगी धन

Vastu rules of Sri yantra धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने में श्री यंत्र की पूजा सबसे लाभकारी मानी जाती है। श्रीयंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है इसलिए लोग अपने घर में श्रीयंत्र की स्थापना करके पूजा और आराधना करते हैं। यदि विधि-विधान के साथ श्रीयंत्र की पूजा की जाती है तो वहां सदैव सुख-संपत्ति, सौभाग्य और ऐश्वर्य बना रहता है। घर में श्री यंत्र की स्थापना करने के कुछ नियम होते हैं अगर इनको इन नियम के साथ रखा जाए तो आपको बहुत ही अच्छे परिणाम मिलेंगे। सही नियमों का पालन करने के बाद ही आपको श्री यंत्र की पूजा का उचित फल प्राप्त होगा। आइए जानते हैं कौन से हैं ये नियम।

श्रीयंत्र को स्थापित करने का शुभ मुहूर्त

धार्मिक महत्‍व से जुड़ा कोई भी कार्य बिना शुभ मुहूर्त के नहीं करना चाहिए। वरना इसके संपूर्ण फल नहीं प्राप्‍त होते। श्रीयंत्र को स्थापित करने से पहले मुहूर्त का जरूर पता कर लें क्योंकि कोई भी शुभ काम करने से पहले किसी शुभ मुहूर्त का होना बहुत ही जरूरी है।

शुक्रवार को श्रीयंत्र की पूजा

अगर घर में श्रीयंत्र रख रहे हैं तो उसे भी पूजा स्थान में रखें और देव समान ही नियमित रूप से पूजा करें। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के साथ श्री यंत्र की पूजा अवश्य करें। एक बार श्रीयंत्र को स्थापित करने के बाद रोजाना उसकी पूजा जरूर करनी चाहिए। इसकी पूजा न करने से आपको कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है इसके अलावा इसके नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं।

श्रीयंत्र की आकृति ठीक से देख लें

कोई भी यंत्र आकृतियों, चिह्नों और अंकों को उकेरकर बनाया जाता है, किसी भी यंत्र का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरह से बना हुआ होना आवश्यक है। यदि आप श्रीयंत्र को घर में स्थापित कर रहे हैं तो भलीभांति जांच लें कि श्रीयंत्र सही बना हो, गलत श्रीयंत्र की पूजा करने से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है। देवी लक्ष्‍मी स्वयं ही धन की देवी हैं, उन्हें धन अर्पित करने की जगह श्रद्धा और भक्ति अर्पित करने पर आपको फायदा होगा। ऐसे में उनके सबसे प्रिय श्रीयंत्र की पूजा दिवाली पर अवश्य करें।

ऐसे प्राप्‍त करें श्रीयंत्र

देवी लक्ष्‍मी का प्रिय श्री यंत्र केवल धार्मिक महत्व ही नहीं रखता है बल्कि इसमें मन को शांत करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने की भी शक्ति होती है। यह किसी भी मंदिर, योग्य और सिद्ध ब्राह्मण, ज्योतिष या तंत्र विशेषज्ञ से प्राप्त करें। या फिर अगर आप ऑनलाइन मंगा रहे हैं तो भी अच्‍छे से जांच लें।

ऐसे करें श्रीयंत्र की पूजा

श्रीयंत्र की पूजा लोभ के भाव से नहीं सुख और शांति के भाव से करें। इसके बाद शुक्रवार को सुबह स्नान कर एक थाली में श्रीयंत्र स्थापित करें। इसे लाल कपड़े पर रखें। श्रीयंत्र को पंचामृत यानी दूध, दही, शहद, घी और शक्कर को मिलाकर स्नान कराने के बाद, गंगाजल से स्नान कराएं। अब यंत्र की पूजा लाल चंदन, लाल फूल, अबीर, मेंहदी, रोली, अक्षत, लाल दुपट्टा चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं, और धूप, दीप, कपूर से आरती करें। श्रीयंत्र के सामने लक्ष्मी मंत्र, श्रीसूक्त या दुर्गा सप्तशती से देवी के किसी भी श्लोक का पाठ करें।

ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ

डॉ आरती दहिया