नवरात्रि स्पेशल: भारत में सात शीर्ष माँ दुर्गा मंदिर (Navratri Special: Seven Top Maa Durga Temples in India)

नवरात्रि स्पेशल: भारत में सात शीर्ष माँ दुर्गा मंदिर (Navratri Special: Seven Top Maa Durga Temples in India)

नवरात्रि के लिए बहुत प्रसिद्ध मां दुर्गा के सात मंदिर, हर साल आस्था की भरमार भीड़ उमड़ती है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए स्वर्ग से आती हैं। भारत के विभिन्न कोनों में फैले मां के प्रसिद्ध मंदिरों में भक्त इकट्ठा होते हैं। वैष्णो … Read more

श्री चित्रगुप्त जी की आरती – श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti – Shri Viranchi Kulbhusan)

श्री विरंचि कुलभूषण, यमपुर के धामी । पुण्य पाप के लेखक, चित्रगुप्त स्वामी ॥सीस मुकुट, कानों में कुण्डल, अति सोहे । श्यामवर्ण शशि सा मुख, सबके मन मोहे ॥ भाल तिलक से भूषित, लोचन सुविशाला । शंख सरीखी गरदन, गले में मणिमाला ॥ अर्ध शरीर जनेऊ, लंबी भुजा छाजै । कमल दवात हाथ में, पादुक … Read more

तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशान – भजन (Tere Pujan Ko Bhagwan)

तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशान - भजन (Tere Pujan Ko Bhagwan)

उत्तर प्रदेश के व्रज क्षेत्र में यह भजन महिला भजन मंडली द्वारा ढोलक पे गये जाने वाला प्रसिद्ध भजन है।तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशान । किसने जानी तेरी माया, किसने भेद तुम्हारा पाया । हारे ऋषि मुनि कर ध्यान, बना मन मंदिर आलीशान ॥ तू ही जल में तू ही थल में, … Read more

भैया दूज पौराणिक कथा (Bhaiya Dooj Pauranik Katha)

भैया दूज पौराणिक कथा (Bhaiya Dooj Pauranik Katha)

भैया दूज पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। भैया दूज की पौराणिक कथा इस प्रकार से है…भैया दूज पौराणिक कथा: भैया दूज के संबंध में पौराणिक कथा इस … Read more

गजाननं भूत गणादि सेवितं – गणेश मंत्र (Gajananam Bhoota Ganadhi Sevitam)

गजाननं भूत गणादि सेवितं - गणेश मंत्र (Gajananam Bhoota Ganadhi Sevitam)

गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् । उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥मंत्र का मूल रूप: गजाननं भूतगणाधिसेवितं, कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् । उमासुतं शोकविनाशकारकम्न, मामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥

शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisha)

शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisha)

॥ दोहा ॥ श्री शनिश्चर देवजी,सुनहु श्रवण मम् टेर। कोटि विघ्ननाशक प्रभो,करो न मम् हित बेर॥॥ सोरठा ॥ तव स्तुति हे नाथ,जोरि जुगल कर करत हौं। करिये मोहि सनाथ,विघ्नहरन हे रवि सुव्रन। ॥ चौपाई ॥ शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥ अन्तक, कोण, … Read more

राजधर्म और तपस्या का फर्क – प्रेरक कहानी (Rajadharm Aur Tapasya Ka Fark)

सम्राट भरत, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनके नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा, वे बड़े प्रतापी और सुयोग्य शासक थे। राजा भरत शासन करते हुए भी कठोर तपस्या किया करते थे जिससे उनका शरीर दुर्बल हो गया था। एक बार एक किसान उनके पास आया और पूछने लगा, ‘महाराजा आप … Read more

समाधि क्या है? भू-समाधि और जल-समाधि में अंतर बताइए? (What is Samadhi? Differentiate Bhu-Samadhi and Jal-Samadhi?)

हिंदू धार्मिक परंपराओं में संत या गुरु के रूप में माने जाने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए समाधि स्थलों को अक्सर इस तरह से बनाया जाता है, जिसमें कहा जाता है कि ऐसी आत्माएं महा समाधि में चली गई थीं, या मृत्यु के समय पहले से ही समाधि में थीं।समाधि के प्रकार ❀भू-समाधि … Read more

श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)

श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)

जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम् । जय पूज्यपद पद्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे । कर्मेश जय धर्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी प्रभो, जय लेखनीधारी विभो । जय श्यामतम, चित्रेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ पुर्वज व भगवत अंश जय, कास्यथ कुल, अवतंश जय । जय शक्ति, … Read more

गोविंद चले चरावन धेनु – भजन (Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु - भजन (Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु । गृह गृह तें लरिका सब टेरे शृंगी मधुर बजाई बेनु ॥सुरभी संग सोभित द्वै भैया लटकत चलत नचावत नेंन । गोप वधू देखन सब निकसीं कियो संकेत बताई सेंन ॥ ब्रजपति जब तें बन पाउँ धारे न परत ब्रजजन पल री चैन । तजि गृह काज विकली सी डोलत दिन … Read more