गजाननं भूत गणादि सेवितं – गणेश मंत्र (Gajananam Bhoota Ganadhi Sevitam)

गजाननं भूत गणादि सेवितं - गणेश मंत्र (Gajananam Bhoota Ganadhi Sevitam)

गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् । उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥मंत्र का मूल रूप: गजाननं भूतगणाधिसेवितं, कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् । उमासुतं शोकविनाशकारकम्न, मामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥

शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisha)

शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisha)

॥ दोहा ॥ श्री शनिश्चर देवजी,सुनहु श्रवण मम् टेर। कोटि विघ्ननाशक प्रभो,करो न मम् हित बेर॥॥ सोरठा ॥ तव स्तुति हे नाथ,जोरि जुगल कर करत हौं। करिये मोहि सनाथ,विघ्नहरन हे रवि सुव्रन। ॥ चौपाई ॥ शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥ अन्तक, कोण, … Read more

राजधर्म और तपस्या का फर्क – प्रेरक कहानी (Rajadharm Aur Tapasya Ka Fark)

सम्राट भरत, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनके नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा, वे बड़े प्रतापी और सुयोग्य शासक थे। राजा भरत शासन करते हुए भी कठोर तपस्या किया करते थे जिससे उनका शरीर दुर्बल हो गया था। एक बार एक किसान उनके पास आया और पूछने लगा, ‘महाराजा आप … Read more

समाधि क्या है? भू-समाधि और जल-समाधि में अंतर बताइए? (What is Samadhi? Differentiate Bhu-Samadhi and Jal-Samadhi?)

हिंदू धार्मिक परंपराओं में संत या गुरु के रूप में माने जाने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए समाधि स्थलों को अक्सर इस तरह से बनाया जाता है, जिसमें कहा जाता है कि ऐसी आत्माएं महा समाधि में चली गई थीं, या मृत्यु के समय पहले से ही समाधि में थीं।समाधि के प्रकार ❀भू-समाधि … Read more

श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)

श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)

जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम् । जय पूज्यपद पद्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे । कर्मेश जय धर्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी प्रभो, जय लेखनीधारी विभो । जय श्यामतम, चित्रेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ पुर्वज व भगवत अंश जय, कास्यथ कुल, अवतंश जय । जय शक्ति, … Read more

गोविंद चले चरावन धेनु – भजन (Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु - भजन (Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु । गृह गृह तें लरिका सब टेरे शृंगी मधुर बजाई बेनु ॥सुरभी संग सोभित द्वै भैया लटकत चलत नचावत नेंन । गोप वधू देखन सब निकसीं कियो संकेत बताई सेंन ॥ ब्रजपति जब तें बन पाउँ धारे न परत ब्रजजन पल री चैन । तजि गृह काज विकली सी डोलत दिन … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 18 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 18)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 22)

लिखता हूँ मॉ पुराण की, सीधी सच्ची बात । अठारहवां अध्याय कार्तिक, मुक्ति का वरदात ॥अब रौद्र रूप महाप्रभु शंकर नन्दी पर चढ़कर युद्धभूमि में आये। उनको आया देख कर उनके पराजित गण फिर लौट आये और सिंहनाद करते हुए आयुद्धों से दैत्यों पर प्रहार करने लगे। भीषण रूपधारी रूद्र को देख दैत्य भागने लगे … Read more

श्री गणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam – Mudakaratta Modakam)

श्री गणेशपञ्चरत्नम् - मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam - Mudakaratta Modakam)

श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र! मुदा करात्त मोदकं सदा विमुक्ति साधकम् । कलाधरावतंसकं विलासिलोक रक्षकम् । अनायकैक नायकं विनाशितेभ दैत्यकम् । नताशुभाशु नाशकं नमामि तं विनायकम् ॥ 1 ॥नतेतराति भीकरं नवोदितार्क भास्वरम् । नमत्सुरारि निर्जरं नताधिकापदुद्ढरम् । सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरम् । महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥ 2 ॥ समस्त लोक शङ्करं निरस्त दैत्य कुञ्जरम् … Read more

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

श्री सूर्य देव चालीसा ॥ ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस सुनूर विभाकर॥ विवस्वान आदित्य विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि खग रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ 4 … Read more

अपनी शिक्षाओं की बोली ना लगने दें – प्रेरक कहानी (Shikshaon Ki Boli Na Lagane Den)

एक नगर में रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर-दूर तक थी। पास ही के गाँव में स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजह से, उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था।एक बार वे अपने गंतव्य की और जाने के लिए बस में चढ़े, उन्होंने कंडक्टर को किराए के रुपये … Read more