कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 10 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 10)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 11 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 11)

राजा पृथु बोले – हे ऋषिश्रेष्ठ नारद जी! आपको प्रणाम है। कृपया अब यह बताने की कृपा कीजिए कि जब भगवान शंकर ने अपने मस्तक के तेज को क्षीर सागर में डाला तो उस समय क्या हुआ?नारद जी बोले – हे राजन्! जब भगवान शंकर ने अपना वह तेज क्षीर सागर में डाल दिया तो … Read more

शांति मंत्र (Shanti Mantra)

शांति मंत्र (Shanti Mantra)

शांति पाठ, शांति के लिए की जाने वाली हिंदू प्रार्थना है, आमतौर पर धार्मिक पूजाओं, अनुष्ठानों और प्रवचनों के अंत में यजुर्वेद के इस शांति मंत्र का प्रयोग किया जाता है।ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: । वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥ ॐ शान्ति: शान्ति: … Read more

रविदास चालीसा (Ravidas Chalisa)

रविदास चालीसा (Ravidas Chalisa)

॥ दोहा ॥बंदौं वीणा पाणि को,देहु आय मोहिं ज्ञान। पाय बुद्धि रविदास को,करौं चरित्र बखान॥ मातु की महिमा अमित है,लिखि न सकत है दास। ताते आयों शरण में,पुरवहु जन की आस॥ ॥ चौपाई ॥ जै होवै रविदास तुम्हारी।कृपा करहु हरिजन हितकारी॥ राहू भक्त तुम्हारे ताता।कर्मा नाम तुम्हारी माता॥ काशी ढिंग माडुर स्थाना।वर्ण अछूत करत गुजराना॥ … Read more

आरती श्री वृषभानुसुता – राधा आरती (Radha Aarti: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता - राधा आरती  (Radha Aarti: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि । पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥ ॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥ मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरति सोहनि । अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥ ॥ आरती … Read more

भगवान पर विश्वास को डिगने न दें – प्रेरक कहानी (Bhagwan Par Vishwas Ko Digane Na Den)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

एक आदमी जब भी दफ्तर से वापस आता, तो कुत्ते के प्यारे से पिल्ले रोज उसके पास आकर उसे घेर लेते थे क्योंकि वो रोज उन्हें बिस्कुट देता था। कभी 4 कभी 5 कभी 6 पिल्ले रोज आते और वो रोज उन्हें बिस्कुट या ब्रेड खिलाता था। एक रात जब वो दफ़्तर से वापस आया … Read more

गणेशोत्सव 2024 (Ganeshotsav 2024)

गणेश विसर्जन कैसे करें (How to do Ganesh Visarjan)

गणेश-उत्सव महाराष्ट्र, गुजरात एवं मध्य प्रदेश के कुछ जगहों का सबसे उत्साहित करने वाला प्रसिद्ध त्यौहार है। अब नये भारत मे गणेशोत्सव धीरे-धीरे उत्तर के राज्यों मे भी मनाया जाने लगा है। आइए जानें! श्री गणेशोत्सव, श्री गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी एवं गणपति विसर्जन से जुड़ी कुछ जानकारियाँ, प्रसिद्ध भजन एवं सम्वन्धित अन्य प्रेरक तथ्य..गणेशोत्सव … Read more

छठ पूजा: हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया – छठ गीत (Hajipur Kelwa Mahang Bhaile Dhaniya)

छठ पूजा: हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया - छठ गीत (Hajipur Kelwa Mahang Bhaile Dhaniya)

हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतियाहाजीपुर नारियल महँग भेल हे धनिया छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा छठी रे … Read more

लक्ष्मी स्तोत्र – इन्द्रकृत (Lakshmi Stotram By Indra)

लक्ष्मी स्तोत्र - इन्द्रकृत (Lakshmi Stotram By Indra)

इन्द्र उवाच ऊँ नम: कमलवासिन्यै नारायण्यै नमो नम: । कृष्णप्रियायै सारायै पद्मायै च नमो नम: ॥1॥पद्मपत्रेक्षणायै च पद्मास्यायै नमो नम: । पद्मासनायै पद्मिन्यै वैष्णव्यै च नमो नम: ॥2॥ सर्वसम्पत्स्वरूपायै सर्वदात्र्यै नमो नम: । सुखदायै मोक्षदायै सिद्धिदायै नमो नम: ॥3॥ हरिभक्तिप्रदात्र्यै च हर्षदात्र्यै नमो नम: । कृष्णवक्ष:स्थितायै च कृष्णेशायै नमो नम: ॥4॥ कृष्णशोभास्वरूपायै रत्नपद्मे च शोभने … Read more

श्री महावीर चालीसा (Shri Mahavir Chalisa)

श्री महावीर चालीसा (Shri Mahavir Chalisa)

श्री महावीर चालीसा एक भक्ति गीत है जो श्री महावीर पर आधारित है।॥ दोहा॥ शीश नवा अरिहन्त को,सिद्धन करूँ प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का,ले सुखकारी नाम॥ सर्व साधु और सरस्वती,जिन मन्दिर सुखकार। महावीर भगवान को,मन-मन्दिर में धार॥ ॥ चौपाई ॥ जय महावीर दयालु स्वामी।वीर प्रभु तुम जग में नामी॥ वर्धमान है नाम तुम्हारा।लगे हृदय को प्यारा … Read more

श्री सत्यनारायण जी आरती (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti)

श्री सत्यनारायण जी आरती (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti)

जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा ॥ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । रत्‍‌न जडि़त सिंहासन, अद्भुत छवि राजै । नारद करत निराजन, घण्टा ध्वनि बाजै ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । प्रकट भये कलि कारण, द्विज को दर्श दियो । बूढ़ा … Read more