श्री चण्डी-ध्वज स्तोत्रम् (Shri Chandi Dhwaj Stotram)

श्री चण्डी-ध्वज स्तोत्रम् (Shri Chandi Dhwaj Stotram)

माता रानी के अनेक रुपों में एक रुप देवी चण्डी का भी है। देवी काली के समान ही देवी चण्डी भी प्राय: उग्र रूप में पूजी जाती हैं, अपने भयावह रुप में मां दुर्गा चण्डी अथवा चण्डिका नाम से जानी जाती हैं। माँ चण्डिका का स्तोत्रम् का पाठ सभी संकटों से मुक्ति प्रदान करने वाला … Read more

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa)

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa)

॥ दोहा ॥ सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश। ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥ करो कृपा करिवर वदन, जो सरशुती सहाय। चित्रगुप्त जस विमलयश, वंदन गुरूपद लाय॥॥ चौपाई ॥ जय चित्रगुप्त ज्ञान रत्नाकर। जय यमेश दिगंत उजागर॥ अज सहाय अवतरेउ गुसांई। कीन्हेउ काज ब्रम्ह कीनाई॥ श्रृष्टि सृजनहित अजमन जांचा। भांति-भांति के जीवन … Read more

जीवन मे गुरु की आवश्यकता क्यों? – प्रेरक कहानी (Jeevan Me Guru Ki Aavashyakata Kyon?)

सफल जीवन क्या होता है? - प्रेरक कहानी (Saphal Jeevan Kya Hota Hai?)

एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है। वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा। दौड़ते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय उस … Read more

पवित्र कार्तिक मास में क्या करें? (What to do in Pavitra Kartik Maas?)

पवित्र कार्तिक मास में क्या करें? (What to do in Pavitra Kartik Maas?)

कार्तिक मास (माह) हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र महीना है, इस महीने की अधिष्ठात्री देवी श्रीमती राधारानी हैं। इस महीने हम जो भी आध्यात्मिक गतिविधि करते हैं, वह श्रीमती राधारानी को प्रसन्न करने वाली होती है। और राधा प्रसन्न हों तो भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं। इस वर्ष 2024 कार्तिक मास 18 अक्टूबर से प्रारंभ … Read more

श्री बृहस्पति देव की आरती (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti)

श्री बृहस्पति देव की आरती (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti)

हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव को सभी देवताओं का गुरु माना जाता है। गुरुवार के व्रत में बृहस्पति देव की आरती करने का विधान माना जाता है, अतः श्री बृहस्पति देव की आरती निम्न लिखित है।जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ, कदली फल मेवा ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, … Read more

मैं सहारे तेरे, श्याम प्यारे मेरे: भजन (Main Sahare Tere, Shyam Pyare Mere)

मैं सहारे तेरे, श्याम प्यारे मेरे, मेरी चिंता मिटा दे तू, है जहाँ तेरा दर, एक छोटा सा घर, वही मेरा बना दे तू, मै सहारे तेरे, श्याम प्यारे मेरे ॥तू सहारा है हारे का बाबा, देख सब कुछ मैं हारा हुआ हूँ, मेरे जख्मों पे मरहम लगा दे, मैं मुकद्दरका मारा हुआ हूँ, मेरा … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 22)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 22)

बाईसवें अध्याय की, जब लिखने लगा हूँ बात । श्री प्रभु प्रेरणा प्राप्त कर, कलम आ गई हाथ ॥ राजा पृथु ने नारद जी से पूछा – हे देवर्षि! कृपया आप अब मुझे यह बताइए कि वृन्दा को मोहित करके विष्णु जी ने क्या किया और फिर वह कहाँ गये?जब देवता स्तुति कर मौन हो … Read more

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् (Saptashloki Durga Stotra)

सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् (Saptashloki Durga Stotra)

॥ अथ सप्तश्लोकी दुर्गा ॥ शिव उवाच: देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी । कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायं ब्रूहि यत्नतः ॥देव्युवाच: शृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम् । मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ॥ विनियोग: ॐ अस्य श्री दुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः, श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकीदुर्गापाठे विनियोगः । ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हिसा । बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति … Read more

शिव चालीसा (Shiv Chalisa)

शिव चालीसा (Shiv Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर … Read more

भक्ति में आडंबर नहीं चाहिए होता (Bhakti Mein Aadambar Nahin Chaahie Hota)

काशी में, एक ब्राह्मण के सामने से एक गाय भागती हुई किसी गली में घुस गई। तभी वहां, एक आदमी आया उसने गाय के बारे में पूछा, पंडितजी माला फेर रहे थे।इसलिए कुछ बोले नहीं, बस हाथ से उस गली का इशारा कर दिया जिधर गाय गई थी। पंडितजी इस बात से अंजान थे, कि … Read more