आइये जानते है, भारत के इन प्रसिद्ध 5 दुर्गा मंदिरों के बारे में-
मनसा देवी मंदिर, उत्तराखंड | Mansa Devi Temple, Uttarakhand
मां आदिशक्ति को समर्पित यह पहला मंदिर हरिद्वार के पास गांव में स्थित है। माना जाता है इस मंदिर में भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है, जिस कारण यह मंदिर मनसा देवी के नाम से पहचाना जाने लगा। मंदिर के बारे में एक किवदंती यह बताई जाती है की यह देवी एक बार हमीरवासिया परिवार के मुखिया सेठ सूरजमलजी के सपने में प्रकट हुई, और उनसे मंदिर के निर्माण के लिए कहा। मनसा देवी मंदिर में मौजूद के पेड़ पर बहुत से लोग मन्नत का धागा बांधते है और मन्नत पूरी होने के बाद यहां आकर फिर से यह धागा खोल देते है।
कामाख्या मंदिर, असम | Kamakhya Temple, Assam
देवी दुर्गा के शक्तिपीठों में से एक मां कामाख्या का यह मंदिर असम के गुवाहाटी शहर में स्थित है। यह मंदिर वह स्थान है, जहां माता सती के शरीर का एक भाग गिरा था। माता के माहवारी के दिनों में इस मंदिर में उत्सव मनाया जाता है। माना जाता है की इन तीन दिनों में जब मंदिर के पट बंद होते है तो यहां एक सफ़ेद रंग का वस्त्र बिछाया जाता है, जो मंदिर के कपाट खुलने के बाद लाल हो जाता है। दुर्गा पूजा और अंबुबाची मेले के लिए यह मंदिर खास तौर पर प्रसिद्ध है।
अम्बा माता मंदिर, गुजरात | Amba Mata Temple, Gujarat
अब जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे है वो है गुजरात का अम्बा माता मंदिर। अम्बा माता मंदिर का यह मंदिर गुजरात के जूनागढ़ में स्थित है। मंदिर की मुख्य विशेषता पहाड़ पर स्थित अम्बा माता का मंदिर है, जो देवी माँ के एक अवतार को समर्पित है। भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक मां दुर्गा का यह मंदिर गुजरात के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इस जगह में माता सती का हृदय गिर था, जिसके बाद एक शक्तिपीठ के रूप में इस मंदिर की स्थापना की गई।
करणी माता मंदिर, राजस्थान | Karni Mata Temple, Rajasthan
राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित करणी माता का यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। करणी माता मंदिर की अनूठी विशेषता, यहां पर मौजूद चूहों की आबादी है। ऐसा माना जाता है की इस मंदिर में हज़ारों की संख्या में चूहे पाएं जाते है। मंदिर का एक अन्य
आकर्षण इसके विशाल चांदी के द्वार और संगमरमर की नक्काशी है जो महाराजा गंगा सिंह द्वारा दान की गई थी। मंदिर में नवरात्रि उत्सव के समय भारी भीड़ देखने को मिलती है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता | Dakshineswar Kali Temple, Kolkata
दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकत्ता के हुगली नदी तटके दूसरी ओर स्थित है। माना जाता है की इस मंदिर रामकृष्ण परमहंस ने मां दुर्गा के स्वरुप की आराधना की थी। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण रानी रश्मोनी ने वर्ष 1847 में करवाया था। मंदिर में एक विशाल प्रांगण है और यह 12 अन्य मंदिरों से घिरा हुआ है जो भगवान शिव को समर्पित हैं।
नवरात्रि या अन्य किसी भी समय आप मां दुर्गा को समर्पित इन मंदिरों में जा सकते है। नवरात्रि के समय इन सभी मंदिरो की शोभा देखते ही बनती है। ऐसे में आपको एक बार अवश्य इन मंदिरों में जाना चाहिए।
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