Maa Baglamukhi Mandir, Nalkheda History & How to Reach Maa Baglamukhi Mandir | मां बगलामुखी मंदिर का इतिहास, दर्शन का समय और वहां कैसे पहुंचे?

मध्य प्रदेश के आगर जिले में स्थित देवी बगलमुखी माता मंदिर नलखेड़ा (Baglamukhi Mandir Nalkheda) आस्था और शक्ति का अद्भुत सामंजस्य है। लखुंदर नदी के किनारे बसे इस प्राचीन बगलामुखी मंदिर की अनंत महिमा बताई जाती है। पांच हजार सालों से भी अधिक पुराना यह मंदिर महाभारत काल से अस्तित्व में है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए के लिए आते है और देवी मां से प्रार्थना करते हैं।


History of Baglamukhi Mandir Nalkheda : बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा का इतिहास

द्वापर युग में हुई थी स्थापना

मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग के समय महाभारत के दौरान कि गई थी। भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर महाराज युधिष्ठिर ने इस भव्य मंदिर की स्थापना की थी। कहा जाता है की महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए पांडवों ने देवी बगलामुखी की आराधना कि थी।

देवी की प्रतिमा स्वयं हुई थी प्रकट

माना जाता है कि इस मंदिर में स्थापित देवी बगलामुखी की प्रतिमा स्वयंभू है अर्थात् यह मूर्ति किसी मानव द्वारा निर्मित नहीं बल्कि स्वयं प्रकट हुई है। यही कारण है की साधु-संतों द्वारा इस मंदिर को अलौकिक और दिव्य माना जाता है।

प्राचीनता और जीर्णोद्धार

यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है, जिसका इतिहास पांच हजार साल पुराना माना जाता है। मां बगलामुखी को समर्पित इस अलौकिक मंदिर का पुनर्निर्माण सन् 1815 में हुआ था। यहां श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए यज्ञ, तप, दान और हवन जैसे विशेष अनुष्ठान संपन्न करते हैं।

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Baglamukhi Mandir Nalkheda Architecture and Design : बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा की वास्तुकला और डिजाइन

नलखेड़ा का बगलामुखी मंदिर उन खास जगहों में से एक है, जहां पारंपरिक हिन्दू डिज़ाइन, बारीक नक्काशी और शानदार शिल्पकला का एक अद्भुत सामंजस्य देखने को मिलता है। इसमें मुख्य रूप से शामिल है-

• बगलामुखी मंदिर का प्रांगण विशाल है, जो बहुत खूबसूरत तरीके से सजा हुआ है। यहां भक्त आसानी से परिक्रमा कर सकते हैं।

• मंदिर की बाहरी दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और पौराणिक चित्रकला की अद्भुत और बारीक नक्काशियां देखने को मिलती हैं।

• यज्ञ के लिए यहां विशेष स्थान का निर्माण किया ज्गया हैं। यहां मुख्य रूप से श्रद्धलुओं द्वारा विशेष मनोकामना पूर्ण करने के लिए यज्ञ एवं हवन जैसे अनुष्ठान संपन्न किये जाते है।

• मंदिर के गर्भगृह में देवी बगलामुखी की एक अद्वितीय और शक्तिशाली प्रतिमा विराजित है। देवी को उनके विशेष रूप में दर्शाया गया है, जिसमें वह दुश्मन की विजय प्राप्त करती हुई दिखाई दे रही हैं।


Baglamukhi Mandir Nalkheda Darshan Timings: मां बगलामुखी मंदिर दर्शन व आरती का समय

मध्य प्रदेश के नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी मंदिर में दर्शन और आरती का समय इस प्रकार है-

मंदिर का समय
मंदिर दर्शन के लिए सुबह 6:30 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।

प्रातः काल की आरती- सुबह 6 बजे

सांय काल की आरती – शाम 7 बजे

भोग लगाने का समय – सुबह 11 बजे से 11:30 बजे


How to Reach Baglamukhi Mandir Nalkheda? कैसे पहुंचे मां बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा?

हवाई यात्रा से कैसे पहुंचे?

यदि आप फ्लाइट से यात्रा कर रहे हैं, तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देवी अहिल्या बाई होल्कर हवाई अड्डा है। यह नलखेड़ा से लगभग 140 km की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही टैक्सी की सुविधा उपलब्ध होती है। आप चाहें तो प्राइवेट टैक्सी बुक कर सकते हैं या फिर स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसें लेकर नलखेड़ा तक आराम से पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग से यात्रा

नलखेड़ा तक सड़क मार्ग से पहुंचना बेहद आसान है। इंदौर, उज्जैन, भोपाल और शाजापुर जैसे शहरों से यहां के लिए नियमित बसें चलती हैं। यदि आप खुद गाड़ी चलाना पसंद करते हैं, तो सेल्फ-ड्राइव और प्राइवेट टैक्सी के ऑप्शंस भी मौजूद है।

रेलवे मार्ग से यात्रा

अगर आप ट्रेन के जरिए ट्रेवल करना चाहते हैं, तो उज्जैन जंक्शन (करीब 110 km) और शाजापुर रेलवे स्टेशन (लगभग 50 km) सबसे नजदीकी स्टेशन हैं। ये दोनों स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़े हुए हैं। यहां से आप बस या टैक्सी लेकर आसानी से नलखेड़ा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

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