भगवान ने जगत क्यों बनाया?

भगवान ने जगत क्यों बनाया?

संत आसाराम बापूये संसार भगवान ने अपनी पूजा करवाने के लिये नहीं बनाया। जैसे नेता वोट बैंक के लिये अपने एरिया में घूमता है ऐसे भगवान सृष्‍टि करके अवतार लेकर वोट बैंक के लिये नहीं आते अथवा वोट बैंक के लिये भगवान ने ये सृष्‍टि नहीं बनाई। भगवान ने आपको गुलाम बनाने के लिये भी … Read more

मुक्‍ति और आत्‍मसाक्षात्‍कार

मुक्‍ति और आत्‍मसाक्षात्‍कार

संत आसाराम बापूमुक्‍त का मतलब है बंधनों से मुक्‍त होना और दुखों से मुक्‍त होना। दुखों से मुक्‍त आत्‍मसाक्षात्‍कार के बिना हुआ नहीं जाता। परमात्‍मा की प्राप्‍ति कहो, मुक्‍ति कहो एक ही बात है। मुक्‍ति भी पांच प्रकार की होती है– यहां से मर गये, स्‍वर्ग में चले गये, इसको स्‍वर्गीय मुक्‍ति कहते है। ठाकुरजी … Read more

दुनिया में सबसे कीमती क्या है?

दुनिया में सबसे कीमती क्या है?

श्री श्री रविशंकरआजकल रोजाना, हम लोगों का अभिनन्दन करते हैं, आनंद बांटते हैं। यह सब एक बहुत औपचारिक स्तर पर रह कर करते हैं, करते हैं न? जब कोई पानी का गिलास लाता है, तब हम उसको कहते हैं, ‘आपका बहुत बहुत धन्यवाद’, इसमें बहुत-बहुत का कोई अर्थ नहीं होता। जब आप सहारा रेगिस्तान में … Read more

गुरु से बंध जाना अच्छा नहीं होता

गुरु से बंध जाना अच्छा नहीं होता

आनंदमूर्ति गुरुमांकुछ लोग कहते हैं कि जिन्हें पूर्ण गुरु मिल गया उन्हें भगवान से क्या लेना- देना। तो क्या फिर गुरु ही काफ़ी है? क्योंकि गुरु त्रिदेवों से भी ऊपर हैं, तो सिर्फ गुरु वंदन ही क्यों न किया जाए? क्या फिर भी ईश्वर कि प्राप्ति का प्रयास होना चाहिए? गुरु माध्यम है, गुरु मार्ग … Read more

अपना काम करते रहिए

अपना काम करते रहिए

पैगंबर मुहम्मद साहब के प्रवचन: ‘यदि क़यामत का समय आ जाए और तुममें से किसी के हाथ में खजूर के पौधे हों, तो महाप्रलय के आने से पहले अगर उन पौधों को लगाया जा सकता है तो लगा दें, क्योंकि इसके बदले पुण्य मिलेगा।’(सही जामिअ हदीस संख्या 1424) सुनने वालों को मुहम्मद साहब के मुख … Read more

सबकी अपनी-अपनी समझ होती है

सबकी अपनी-अपनी समझ होती है

महात्मा बुद्ध सांध्यकालीन प्रवचन देकर हमेशा की तरह तीन बार बोले, ‘अब अपना-अपना कार्य संपन्न करें।’ इसके बाद उठ कर अपने विश्राम स्थल की और बढ़ गए। आनंद भी उनके पीछे-पीछे वहां पहुंच गया। आज आनंद ने आख़िर बुद्ध से पूछ ही लिया कि आप एक ही बात को तीन बार क्यों दोहराते हैं? बुद्ध … Read more

भक्ति के लिए भी नौकर रखते हो?

भक्ति के लिए भी नौकर रखते हो?

मुनि तरुण सागरएक दिन एक जिज्ञासु ने मुझसे पूछा कि मुनिश्री इस संसार में सबसे सुखी कौन है? मैंने उत्तर दिया- जिसे सोने के लिए नींद की गोली और जागने के लिए घड़ी के अलार्म की जरूरत नहीं होती, मेरी नजर में इस संसार का सबसे बड़ा सुखी व्यक्ति वही है। आज कर्ज लेकर झूठी … Read more

ईर्ष्या से कुछ नहीं मिलता

ईर्ष्या से कुछ नहीं मिलता

मुनि तरुण सागरईर्ष्या करने वालों को कभी भी ईश्वर नहीं मिलता। ईश्वर सदैव मन की निर्मलता से प्राप्त होता है। ईर्ष्या करनी ही है तो टाटा, बिरला, डालमिया से करो ताकि उनकी होड़ करते-करते उनसे आगे नहीं तो उनकी बराबरी में पहुंच सको। ईर्ष्या करनी ही है तो भगवान राम, कृष्ण, महावीर से करो ताकि … Read more

‘ज्यादा खाने वाले भूखे होंगे’

'ज्यादा खाने वाले भूखे होंगे'

पैगंबर मुहम्मद साहब ने फरमाया, ‘वह बदतरीन बर्तन जो इंसान भरता है, वह उसका पेट है।’(तिर्मीज़ी) इस हदीस में तुष्टि पर भोजन करने को बदतरीन खसलत करार दिया गया है। और यह बात बिल्कुल सही है कि ज़्यादा खाना बहुत सी बुराइयों की जड़ है। ऐसा आदमी केवल खाने-पीने की चिंता में रहता है और … Read more

सत्य की तलाश कहां करें?

सत्य की तलाश कहां करें?

श्री श्री रविशंकरकार्य को इस दुनिया में रखना चाहिए, लेकिन अपने दिमाग में नहीं घुसाना चाहिए। जब हमारी आंखें खुली होती हैं तो हम दृश्य को देखते हैं। लेकिन जब हम अपनी आंखें और अपना दिमाग बंद करते हैं, तब एक दूसरी ही दुनिया नज़र आती है। क्या आपने इस पर ध्यान दिया है? इसलिए … Read more