स्व-कर्म करते जाओ

स्व-कर्म करते जाओ

हमारी संस्कृति में आध्यात्मिकों की नजर में मोक्ष, एक सर्वोच्च कल्पना है। मोक्ष मिलना चाहिए ऐसी हर व्यक्ति की आंतरिक भावना होती है। किंतु हमारे ऋषि-मुनियों ने जिन चार पुरूषार्थों का महत्व दिया है, उनमें मोक्ष चौथा पुरूषार्थ है। धर्म, अर्थ और काम अन्य तीन पुरूषार्थ हैं। इन तीन पुरूषार्थों के लिए काम करते करते … Read more

कुछ करना महत्वपूर्ण है

कुछ करना महत्वपूर्ण है

आप जो भी करते हैं वह कम महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण तो यह है कि आप कुछ करें। -महात्मा गांधी दूसरों को दंड देना सहज है, किंतु उन्हें क्षमा करना और उनकी भूल सुधारना बहुत कठिन कार्य है। -भगवान महावीर सत्याग्रह की लड़ाई हमेशा दो प्रकार की होती है। एक जुल्मों के … Read more

योग दिलाएगा माइग्रेन से राहत

योग दिलाएगा माइग्रेन से राहत

अगर आप भी सिरदर्द या माइग्रेन की तकलीफ से गुजर रहे हों तो रोजाना कुछ मिनटों के लिए योग का अभ्यास करें। यह आपके शरीर को आगामी माइग्रेन अटैक से लड़ने के लिए तैयार होने में मदद करेगा। योग, माइग्रेन के खिलाफ प्रतिरोधकता को बेहतर बनाने का एक माध्यम है। योगासन जिनसे माइग्रेन में मिलेगी … Read more

‘3 मिनट मेडिटेशन’ से पूरे दिन की ताजगी

'3 मिनट मेडिटेशन' से पूरे दिन की ताजगी

लखनऊ भागदौड़ के इस जमाने में सेहत कहीं पीछे छूटती जा रही है। स्टूडेंट्स से लेकर युवा तक सभी तनाव की चपेट में हैं। सभी इससे निजात पाना चाहते हैं। ऐसे अगर कोई कहे कि महज 3 मिनट में पूरे दिन के लिए ताजगी मिल सकती है तो शायद आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन ऐसा … Read more

मेडिटेशन करने का तरीका और इसके फायदे

मेडिटेशन करने का तरीका और इसके फायदे

मेडिटेशन या ध्यान के बहुत से फायदे हैं। बच्चे और बड़े सभी को योग और मेडिटेशन जरूर करना चाहिए। मेडिटेशन से ना सिर्फ आपका ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है बल्कि आपकी कार्यक्षमता भी अधिक तेज होती है। ये हैं मेडिटेशन के फायदे- 1. मेडिटेशन के जरिए आप अपने मन को शांत करते हैं।2. डिप्रेशन और … Read more

श्रेष्ठ कौन? ज्ञान या अनुभव?

श्रेष्ठ कौन? ज्ञान या अनुभव?

वेणुगोपाल धूत चर्चा के कुछ विषय ऐसे हैं, जो सार्वकालिक होते हैं। कला जीवन के लिए है या जीवन कला के लिए? यह सवाल भी ऐसा ही सदा के लिए चला आ रहा है। दोनों पक्षों के मानने वाले हमेशा एक दूसरे से भिड़ते रहते हैं और अपने पक्ष के औचित्य पर चर्चा करते रहते … Read more

सगुण से निर्गुण की ओर जाना ही अध्यात्म

सगुण से निर्गुण की ओर जाना ही अध्यात्म

वेणुगोपाल धूत पैठण के संत एकनाथ महाराज ने जो भागवत लिखा है, उसमें दत्तात्रेय की एक कथा आई है। कहा है कि दत्तात्रेय के चौबीस गुरू थे। ये गुरू कौन थे? आप अचंभे में पड़ जाएंगे, उनके नाम सुनकर। उनमें अजगर का नाम है, साथ ही पेड़, पहाड़, नदी, कछुआ, कबूतर, बगुला, भंवरा भी उनके … Read more

संस्कारों का महत्व

संस्कारों का महत्व

वेणुगोपाल धूत जन्म लिए हुए हर इंसान के लिए संस्कार बड़े आवश्यक हैं। उनका किसी भी उपासना पद्धति से कोई संबंध नहीं है। संस्कार करने के पीछे प्रमुख कारण है, हर इंसान को प्रकृति के नियमों से परिचित कराना और जिस समाज में हम रहते हैं, उस समाज के सामाजिक नियमों से परिचित कराना। मानव … Read more

दुर्गुणों का त्याग

दुर्गुणों का त्याग

वेणुगोपाल धूत हर साल हर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह होता है। किसी विख्यात मेहमान को बुलाया जाता है और वे पदवी प्राप्त कर शिक्षा पूरी करनेवाले स्नातकों को लंबा चौड़ा उपदेश देते हैं। शिक्षा ग्रहण कर जीवन के संघर्ष में उतरनेवाले विद्यार्थियों पर इस उपदेश का क्या असर होता है, यह तो पता नहीं। क्योंकि … Read more

आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं योग के ये आसन

आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं योग के ये आसन

आंख हमारे शरीर का ना सिर्फ सबसे उपयोगी बल्कि सबसे आकर्षक अंग भी है। लिहाजा इनकी सुरक्षा भी बेहद जरुरी है। अगर आपकी खूबसूरत आंखों पर भी चश्मा चढ़ गया हो तो इससे निजात पाने का सबसे आसान तरीका है- योग। इससे निकट दृष्टि और दूर दृष्टि दोनों की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। … Read more