गुस्से पर कंट्रोल करने के नुस्खे

गुस्से पर कंट्रोल करने के नुस्खे

गुस्से को कंट्रोल करने के लिए सामने वाले को बदलने की बजाय आप अपने सोचने के तरीके को बदलें। जिसे देखकर गुस्सा आ रहा है, उसके मुताबिक अपने सोचने की प्रक्रिया को बदल लें: 1. अगर आपको किसी व्यक्ति के शारीरिक हाव-भाव अच्छे नहीं लगते लेकिन आपको उसके विचार और बोलने का ढंग अच्छा लगता … Read more

वह राजा चोर के समान

वह राजा चोर के समान

जो राजा प्रजा की अच्छी तरह से रक्षा नहीं करता वह चोर के समान है।वेदव्यास राष्ट्रीयता तो पुरानी पड़ी हुई सड़ी मिठाई है। छोटी नासमझ चींटियां स्वाद के मोह से उसमें चिपकी रहती हैं। वह बुद्धि के लिए एक मोटा घेरा है। मनुष्य को मनुष्य से दूर रखने का इंद्रजाल है।रमेश बक्षी रूढ़ियां कभी धर्म … Read more

राजनीति क्षणभंगुर है

राजनीति क्षणभंगुर है

राजनीति क्षणभंगुर है, चंचल है, परंतु साहित्य स्थाई है, मंगलमय है। उसके आधारभूत मूल्यों की क्षति नहीं होती।अनंतगोवाल शेवड़े अंतरराष्ट्रीय सहयोग ही सह-अस्तित्व का स्वाभाविक परिणाम है। इंदिरा गांधी सुख किसी वस्तु की प्राप्ति में नहीं बल्कि उसके त्याग में है। राजगोपालाचारी

दो घोड़ों पर सवारी न करें

दो घोड़ों पर सवारी न करें

जो धर्म करना चाहता है वह पोखर खुदवाए। पेड़ लगाना भी बहुत बड़ा धर्म है।डाकार्णव *एक बार धोखा खाया हुआ इंसान सच में भी विनाश का संदेह करता है।हितोपदेश *दो घोड़ों पर सवारी नहीं हो सकती। अपना घोड़ा पसंद कर लेना ठीक है।सरदार पटेल

चीज जितनी सरल, परिभाषा उतनी मुश्किल

चीज जितनी सरल, परिभाषा उतनी मुश्किल

* जमाने की हवा का रुख पहचानकर नेता अगर कार्यक्रम में सुधार नहीं करते तो जमाना आगे निकल जाएगा। लोकमान्य तिलक * जो चीज जितनी सरल होती है, उसकी परिभाषा उतनी ही मुश्किल होती है। प्रेमचंद *सच्ची बात यह है कि दो घोड़ों पर सवारी नहीं हो सकती। सरदार पटेल

वे विजयी होंगे

वे विजयी होंगे

वे ही विजयी हो सकते हैं, जिन्हें विश्वास है कि वे विजयी होंगे।-वर्जिल अपने ऊपर विजय प्राप्त करना सबसे बड़ी विजय है।-प्लेटो संसार विजयी पर विश्वास करता है। उस मनुष्य का विश्वास करता है, जिसके चेहरे पर विजय के भाव झलकते हों।-स्वेट मार्डन

अन्याय में सहयोग

अन्याय में सहयोग

बुरे व्यक्ति का अनुकरण करके ही दूसरा भी बुरा काम करने लगता है।-पंचतंत्र अन्याय में सहयोग देना अन्याय करने के ही समान है।-प्रेमचंद जनता जो कुछ सीखती है, घटनाक्रम की पाठशाला से सीखती है। दुख-दर्द ही उसका शिक्षक है।-जवाहरलाल नेहरू

रूमी की राह पर

रूमी की राह पर

सन 1207 में ईरान की धरती पर पैदा हुए मौलाना रूमी को दुनिया बड़े सूफी के तौर पर जानती और मानती है। उनका कहना था कि ईश्वर या खुद की खोज में दर-दर भटकने के बजाय अपने भीतर ही उसकी खोज करनी चाहिए। पेश हैं रूमी की चंद लाइनें, जो आपको जिंदगी के सही मायने … Read more

जीवन का लक्ष्य

जीवन का लक्ष्य

जो लोग सेवा भाव रखते हैं और स्वार्थ सिद्धि को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाते, उनके परिवार को आड़ देने वालों की कमी नहीं रहती।-प्रेमचंद स्पर्धा ही जीवन है। उसमें पीछे रहना जीवन की प्रगति को रोकना है।-सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जब मनुष्य का युद्ध अपने साथ आरंभ होता है तब उसका कुछ मूल्य होता है।-ब्राउनिंग … Read more

सच्चे और दयावान नहीं

सच्चे और दयावान नहीं

वीर वह कहलाता है जो दुनिया को जीतता है, लेकिन महावीर वह है जिसने अपने ऊपर विजय पाई है।-विनोबा भावे जिस भाषा में बहादुरी, सचाई और दया के लक्षण नहीं होते, उसे बोलने वाले भी बहादुर, सच्चे और दयावान नहीं होते।-महात्मा गांधी शासक जब प्रजा को दिए गए आश्वासनों को स्वप्न की तरह भूलने लगता … Read more