काम से ज्यादा काम के पीछे की भावना का महत्व

काम से ज्यादा काम के पीछे की भावना का महत्व

काम से ज्यादा काम के पीछे की भावना का महत्व होता है। जो काम शुद्ब हृदय से होता है, देखने में छोटा भले ही हो परंतु उसका फल बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है। बड़े से बड़ा काम अगर हीन आदर्श लेकर किया जाए तो उसकी कोई बड़ी कीमत नहीं हो सकती।राजेंद्र प्रसाद हम बुराई से … Read more

सत्य का सबसे बड़ा मित्र

सत्य का सबसे बड़ा मित्र

सत्य का सबसे बड़ा मित्र है समय। इसका सबसे बड़ा शत्रु है पक्षपात। इसका अचल साथी एक है और वह है नम्रता।कोल्टन सत्य कभी अपना स्वरूप नहीं बिगाड़ता। वह अंत तक सत्य ही बना रहता है।शेक्सपियर सत्य का उल्लंघन करने का अर्थ है कि आप मानव समाज के स्वास्थ्य में छुरी भोंक रहे हैं।एमर्सन जिस … Read more

कमजोरियां पैदाइशी होती हैं…

कमजोरियां पैदाइशी होती हैं...

हमारी कुछ कमजोरियां पैदाइशी होती हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी होती हैं जो हम दूसरों से प्रभावित होकर अपना लेते हैं।महात्मा गांधी जब बुरे दिन आते हैं तो इंसान की आंखें पहले ही बंद हो जाती हैं।रामकुमार वर्मा कीर्ति का नशा शराब के नशे से भी तेज होता है। शराब छोड़ना आसान है, कीर्ति छोड़ना … Read more

जब मैं खुद पर हंसता हूं…

जब मैं खुद पर हंसता हूं...

जब मैं खुद पर हंसता हूं तो मेरा खुद का बोझ हलका हो जाता है।रवींद्रनाथ मनुष्य बराबर के लोगों की हंसी नहीं सह सकता क्योंकि उनकी हंसी में ईर्ष्या, व्यंग्य और जलन होती है।प्रेमचंद उत्साह से बढ़कर कोई दूसरा बल नहीं। उत्साही इंसान के लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं है।वाल्मीकि जिसने छोटे-छोटे रसों … Read more

कामयाबी ही निर्णायक

कामयाबी ही निर्णायक

वही एक आदर्श सरकार है जिसमें एक तुच्छ व्यक्ति के साथ किया गया अन्याय भी सभी का अपमान है।सोलन सभी सरकारों का ध्येय सामाज का सामूहिक सुख है, या होना चाहिए और इसकी इच्छा पूर्ति नीति के पालन से अच्छी तरह की जा सकती है।वॉशिंगटन लोगों में उत्साह भरने की योग्यता को ही मैं अपनी … Read more

अधिक हर्ष का बाद अधिक दुख

अधिक हर्ष का बाद अधिक दुख

अत्याचारी राजसत्ता जब अपनी शक्ति बढ़ाती हुई अत्याचार की मात्रा बढ़ाती जाती है, तब उसकी गति को रोकना अनिवार्य हो जाता है। ऐसी अवस्था में छल, बल और कौशल से काम लिए बिना काम नहीं चलता।हिंदू पंच अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आती है।जयशंकर प्रसाद अनाचार … Read more

अच्छे विचार और प्रयास

अच्छे विचार और प्रयास

अच्छे विचारों और प्रयासों का परिणाम भी निसंदेह अच्छा होगा।स्वामी विवेकानंद विरोध पैदा करने वाला विचार हमारे परिश्रम को पंगु बना देता है।हरिभाऊ उपाध्याय विचार फूलों को चुनने के समान है और सोचना उनको माला में गूंथना।हरिऔध मनुष्य वैसा ही बन जाता है, जैसे उसके विचार होते हैं।कामिल बुल्के आचरण रहित विचार कितने भी अच्छे … Read more

…तो अपराध होने बंद हो जाएंगे

...तो अपराध होने बंद हो जाएंगे

अपराध करने से पूर्व यदि अपराधी यह सोच ले कि वह पकड़ा गया तो दंडित भी हो सकता है, तो आधे से ज्यादा अपराध होने बंद हो जाएंगे।विष्णु प्रभाकर दंड ही दुनिया को नियम के अंदर रखने वाला है। यह धर्म की सनातन आत्मा है। इसका उद्देश्य है उद्दंडता से बचना।वेदव्यास यदि दंड का प्रावधान … Read more

सम्मानित के लिए बदनामी

सम्मानित के लिए बदनामी

अपराधी अपने सिवाय हर किसी को दोष देता है। मानव प्रकृति ऐसे ही काम करती है।विनोबा भावे अपमान का भय कानून के भय से किसी भी तरह कम नहीं होता।प्रेमचंद यदि राजशक्ति के केंद्र में ही अन्याय होगा, तब तो सारा राष्ट्र अन्याय के खेल का मैदान ही बन जाएगा।जयशंकर प्रसाद किसी सम्मानित व्यक्ति के … Read more

वह ज्ञान, अज्ञान से भी ज्यादा खतरनाक

वह ज्ञान, अज्ञान से भी ज्यादा खतरनाक

ईश्वर ने हमें दो कान दिए हैं और दो आंखें, लेकिन जीभ केवल एक दी है। इसलिए हम बहुत अधिक सुनें और बहुत अधिक देखें, लेकिन बोलें कम, बहुत कम।सुकरात जब मनुष्य का युद्ध अपने आप के साथ शुरू होता है तब उसका कुछ मूल्य होता है।ब्राउनिंग क्या तुम्हें अपने जीवन से प्रेम है? है … Read more