ग्रीष्म संक्रांति | जून संक्रांति (Summer Solstice | June Solstice)

ग्रीष्म संक्रांति | जून संक्रांति (Summer Solstice | June Solstice)

ग्रीष्म संक्रांति तब होती है जब पृथ्वी का सूर्य की ओर झुकाव अधिकतम होता है। इसलिए, ग्रीष्म संक्रांति के दिन, सूर्य दोपहर की स्थिति के साथ अपनी उच्चतम ऊंचाई पर दिखाई देता है जो ग्रीष्म संक्रांति से पहले और बाद में कई दिनों तक बहुत कम बदलता है। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा … Read more

मधुपर्क विधि क्या है? (What is Madhupark Vidhi?)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

“मधुपर्क” एक वह पदार्थ/पेय है की जो विवाह में वर जब वधू के द्वारपर आता है, तो उसे वधू पक्ष की ओरसे बडे आदरसे प्राशीत किया जाता है | अभी भी यह परंपरा केवल समाजमें अखंडीत है | मधुपर्क में दही और शहद मिलाते है यदी शहद उपलब्ध न होने पर घी का प्रयोग होता … Read more

जगन्नाथ लक्ष्मी नारायण भेश या थियाकिया भेश (Jagannath Laxmi Narayan Bhesh or Thiakia Bhesh)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

कार्तिक शुक्ल एकादशी को महाप्रभु का लक्ष्मी नारायण भेश या थियाकिया भेश होता है। अबकाश अनुष्ठान के बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी में महाप्रभु को ठियाकिया भेश पहनाया जाता है। यह भेस भोगमंडप अनुष्ठान के अंत तक जारी रहता है।भेश धारण करने की रस्में: इस भेश में महाप्रभु जगन्नाथ और बलभद्र को स्वर्ण भुजाएँ, पैर, कदंब … Read more

भगवान जगन्नाथ का नीलाद्रि बीजे अनुष्ठान क्या है? (What is the Niladri Bije ritual of Bhagwan Jagannath?)

नीलाद्रि बिजे (Niladri Bije)

पुरी में हिंदू देवता जगन्नाथ के निवास को नीलाचल या नीलाद्री के रूप में जाना जाता है। नीलाद्रि बीजे, वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के अंत और भगवान जगन्नाथ की गर्भगृह में वापसी को चिह्नित करता है या फिर आप भगवान जगन्नाथ और उनकी प्यारी पत्नी माँ महालक्ष्मी के बीच एक प्यारी सी कहानी बता सकते … Read more

नवकलेवर (Nabakalebar)

भगवान जगन्नाथ के अलग-अलग बेश? (Different Beshas of Bhagwan Jagannath?)

जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ की कई अलौकिक महानताएं हैं। इनमें नवकलेवर एक बहुत बड़ा अलौकिक पर्व है। भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की मूर्तियों को हर 12 साल में बदल दिया जाता है। पुरानी मूर्तियों से नई मूर्तियों में परिवर्तन होता है और पुरानी मूर्तियों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।बदलाव के … Read more

स्नान यात्रा (Snana Yatra)

स्नान यात्रा (Snana Yatra)

स्नान यात्रा जो कि देवस्नान पूर्णिमा या स्नान पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। यह यात्रा हिंदू माह ज्येष्ठ की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला एक औपचारिक भगवान जगन्नाथ का भव्य स्नान उत्सव है।❀ हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह वर्ष का पहला अवसर है, जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा, सुदर्शन और मदनमोहन को पुरी … Read more

आषाढ़ मास 2024 (Asadha Maas 2024)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

आषाढ़ मास या आदि हिंदू कैलेंडर का एक महीना है जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में जून / जुलाई से मेल खाता है। भारत के कैलेंडर में, यह महीना वर्ष का चौथा महीना होता है। वैदिक ज्योतिष में आषाढ़ की शुरुआत सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश से होती है। यह दो महीनों में से पहला है … Read more

जैन धर्म विशेष (Jain Dharm Specials)

जैन धर्म विशेष (Jain Dharm Specials)

आइए जानें! जैन धर्म से जुड़ी कुछ जानकारियाँ, प्रसिद्ध भजन, जैन मंत्र, जैन मंदिर एवं जैन आरतियाँ तथा सम्वन्धित अन्य प्रेरक तथ्य। साथ ही साथ जानिए दशलक्षण पर्व के बारे में और महावीर जयंती उत्सव कहाँ और कैसे मनाये।जैन व्रत एवं त्यौहार क्यों कब, कहाँ और कैसे? ❀ महावीर जन्म कल्याणक – Mahavir Janma Kalyanak … Read more

भगवान अलारनाथ की कहानी: श्री जगन्नाथ कथा (Story of Bhagwan Alarnath: Shri Jagannath Katha)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

रथयात्रा से ठीक पहले भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के देव स्नान पूर्णिमा से नेत्र उत्सव तक भक्तों द्वारा भगवान अलारनाथ की पूजा की जाती है।माना जाता है कि देव स्नान पूर्णिमा के बाद, देवता बीमार पड़ जाते हैं। देवताओं के स्नान के लिए कुल 108 औषधिक एवं सुगंधित पानी के बर्तन का उपयोग किया … Read more

जगन्नाथ मंदिर प्रसाद को ‘महाप्रसाद’ क्यों कहा जाता है? (Why is Jagannath Temple Prasad called Mahaprasad?)

भगवान जगन्नाथ का महाप्रसाद मिट्टी के बर्तन में क्यों बनाया जाता है? (Why is the Mahaprasad of Bhagwan Jagannath prepared in an earthen pot)

जगन्नाथ मंदिर में सदियों से पाया जाने वाला महाप्रसाद लगभग 600-700 रसोइयों द्वारा बनाया जाता है, जो लगभग 50 हजार भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।भाप से पकाया हुआ भोजन सबसे पहले भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया जाता है। इसके बाद देवी विमला को चढ़ाया जाता है, जिसे महाप्रसाद के नाम से जाना जाता है। … Read more