सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो – भजन (Sari Duniya Me Aanand Chayo Kanha Ko Janamdin Aayo)

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो - भजन (Sari Duniya Me Aanand Chayo Kanha Ko Janamdin Aayo)

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो ॥आई भादो की रेन कारी कारी, आई भादो की रेन कारी कारी, मथुरा में है जन्मे मुरारी, मथुरा में है जन्मे मुरारी, वसुदेव देवकी ने दर्श पायो, कान्हा को जन्मदिन आयो, सारी दुनियाँ में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो ॥ चले लेके वसुदेव गोकुल में, … Read more

मदन गोपाल शरण तेरी आयो – भजन (Madan Gopal Sharan Teri Aayo)

मदन गोपाल शरण तेरी आयो - भजन (Madan Gopal Sharan Teri Aayo)

मदन गोपाल शरण तेरी आयो, चरण कमल की सेवा दीजै, चेरो करि राखो घर जायो, मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥धनि-धनि मात पिता सुत बन्धु, धनि जननी जिन गोद खिलायो, मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥ धनि-धनि चरण चलत तीरथ को, धनि गुरु जिन हरिनाम सुनायो, मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥ जे नर बिमुख … Read more

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत – भजन (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत - भजन (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत, भक्तों को यूँ सताने की, भक्तों को यूँ सताने की, अच्छी नहीं है आदत, क्यो छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत ॥माना की मुरली वाले, बांकी तेरी अदा है, तेरी सांवरी छवि पे, सारा ये जग फ़िदा है, लेकिन हो कारे कारे, लेकिन हो … Read more

धन जोबन और काया नगर की – भजन (Dhan Joban Aur Kaya Nagar Ki)

धन जोबन और काया नगर की - भजन (Dhan Joban Aur Kaya Nagar Ki)

धन जोबन और काया नगर की, कोई मत करो रे मरोर ॥क्यूँ चले से आंगा पांगा, चिता बिच तने धर देंगे नंगा, एक अग्नि का लेके पतंगा, तेरे फिर जाएंगे चारो ओर, ॥ धन जोबन और काया..॥ सिराणे खड़ी तेरी माई रोवे, भुजा पकड़ तेरा भाई रोवे, पायाँ खड़ी रे तेरी ब्याहि रे रोवे, जिसने … Read more

जगत के रंग क्या देखूं – भजन (Jagat Ke Rang Kya Dekhun)

जगत के रंग क्या देखूं - भजन (Jagat Ke Rang Kya Dekhun)

जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है । क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है ॥नहीं चाहिए ये दुनियां के, निराले रंग ढंग मुझको, निराले रंग ढंग मुझको । चली जाऊँ मैं वृंदावन, तेरा श्रृंगार काफी है ॥ ॥जगत के रंग क्या देखूं…॥ जगत के साज बाजों से, हुए हैं … Read more

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा – भजन (Bhajan Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा - भजन (Bhajan Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा दिल मेरा घबराये, काले काले बादल, गम के बादल, सिर पे मेरे मंडराये, ॥ मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा…॥अगर मेरे वश में, होता कन्हैया, तो पार लगाता मैं, खुद अपनी नैया, यहाँ वहाँ रखूं, जहाँ जहाँ रखूं, पाँव फिसलता जाये, ॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥ अगर आना … Read more

जीवन है तेरे हवाले, मुरलिया वाले – भजन (Jeevan Hai Tere Hawale Muraliya Wale)

जीवन है तेरे हवाले, मुरलिया वाले - भजन (Jeevan Hai Tere Hawale Muraliya Wale)

जीवन है तेरे हवाले, मुरलिया वाले, जीवन हैं तेरे हवाले, मुरलिया वाले ।हम कठ पुतली तेरे हाथ की, हम कठ पुतली तेरे हाथ की, तेरे हाथ की, तेरे हाथ की, हम कठ पुतली तेरे हाथ की, चाहे जैसे नचाले, मुरलिया वाले, जीवन है तेरे हवाले, मुरलिया वाले । हम तो मुरली तेरे हाथ की, हम … Read more

मैं तो आई वृन्दावन धाम, किशोरी तेरे चरनन में – भजन (Main Too Aai Vrindavan Dham Kishori Tere Charanan Main)

मैं तो आई वृन्दावन धाम, किशोरी तेरे चरनन में - भजन (Main Too Aai Vrindavan Dham Kishori Tere Charanan Main)

मैं तो आई वृन्दावन धाम, किशोरी तेरे चरनन में । किशोरी तेरे चरनन में, श्री राधे तेरे चरनन में ॥ब्रिज वृन्दावन की महारानी, मुक्ति भी यहाँ भरती पानी । तेरे चन पड़े चारो धाम, किशोरी तेरे चरनन में ॥ मैं तो आई वृन्दावन धाम, किशोरी तेरे चरनन में । किशोरी तेरे चरनन में, श्री राधे … Read more

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा – भजन (Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera)

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा - भजन (Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera)

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा, दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी, श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥सुना है जो तेरे दर पे आए, उसके सब दुखड़े मिट जाए, आया शरण तिहारी रे, आया शरण तिहारी रे, अब दूर करो दुख मेरा, श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥ … Read more

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो – भजन (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो - भजन (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहिं पठायो । चार पहर बंसीबट भटक्यो, साँझ परे घर आयो ॥ मैं बालक बहिंयन को छोटो, छींको किहि बिधि पायो । ग्वाल बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो ॥ तू जननी मन की अति भोरी, इनके कहे पतिआयो । जिय … Read more