चालीसा: भगवान श्री शीतलनाथ जी (Bhagwan Shri Sheetalnath Ji)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अधिकाय। कल्प वृक्ष सम प्रभु चरण, हैं सबको सुखकाय॥जय श्री शीतलनाथ गुणाकर, महिमा मंडित करुणासागर। भाद्दिलपुर के दृढरथ राय, भूप प्रजावत्सल कहलाये॥ रमणी रत्न सुनन्दा रानी, गर्भ आये श्री जिनवर ज्ञानी। द्वादशी माघ बदी को जन्मे, हर्ष लहर उठी त्रिभुवन में॥ उत्सव करते देव अनेक, मेरु पर करते अभिषेक। … Read more

भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa)

भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ ॥श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय श्री काली के लाला । जयति जयति काशी-कुतवाला ॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी । जयति … Read more

कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa)

कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa)

नवदुर्गा, नवरात्रि, नवरात्रे, नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार दुर्गा तथा अष्टमी के शुभ अवसर पर श्री कैला देवी मंदिर करौली में गाये जाने वाला श्री कैला मैया का प्रसिद्ध चालीसा।॥ दोहा ॥ जय जय कैला मात हे तुम्हे नमाउ माथ ॥ शरण पडूं में चरण में जोडूं दोनों हाथ ॥ आप जानी … Read more

श्री राणी सती दादी (Shri Rani Sati Dadi Ji)

॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार, राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार, काम क्रोध मद लोभ मै, भरम रह्यो संसार, शरण गहि करूणामई, सुख सम्पति संसार॥॥ चौपाई ॥ नमो नमो श्री सती भवानी। जग विख्यात सभी मन मानी ॥ नमो नमो संकट कू हरनी। मनवांछित पूरण सब करनी … Read more

श्री झूलेलाल चालीसा (Shri Jhulelal Chalisa)

श्री झूलेलाल चालीसा (Shri Jhulelal Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप । अमर उडेरो लाल जय, झुलेलाल अनूप ॥ ॥ चौपाई ॥ रतनलाल रतनाणी नंदन । जयति देवकी सुत जग वंदन ॥ दरियाशाह वरुण अवतारी । जय जय लाल साईं सुखकारी ॥ जय जय होय धर्म की भीरा । जिन्दा पीर हरे जन पीरा ॥ संवत … Read more

श्री गोरक्ष चालीसा – गोरखनाथ मठ (Goraksh Chalisa)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

दोहा- गणपति गिरिजा पुत्र को, सिमरूँ बारम्बार । हाथ जोड़ विनती करूँ, शारद नाम अधार । ।चौपाई- जय जय जय गोरख अविनाशी, कृपा करो गुरुदेव प्रकाशी । जय जय जय गोरख गुणज्ञानी, इच्छा रूप योगी वरदानी । । अलख निरंजन तुम्हरो नामा, सदा करो भक्तन हित कामा । नाम तुम्हारा जो कोई गावे, जन्म जन्म … Read more

अथ चौरासी सिद्ध चालीसा – गोरखनाथ मठ (Ath Chaurasi Siddh Chalisa)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

दोहा – श्री गुरु गणनायक सिमर, शारदा का आधार ।कहूँ सुयश श्रीनाथ का, निज मति के अनुसार । श्री गुरु गोरक्षनाथ के चरणों में आदेश । जिनके योग प्रताप को , जाने सकल नरेश । चौपाई जय श्रीनाथ निरंजन स्वामी, घट घट के तुम अन्तर्यामी । दीन दयालु दया के सागर, सप्तद्वीप नवखण्ड उजागर । … Read more

खाटू श्याम चालीसा, खाटू धाम सीकर (Khatu Shyam Chalisa Khatu Dham Sikar)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

भक्तों के बीच अनेक खाटू चालीसा प्रसिद्ध हैं, इनमे से सीकर के खाटू श्याम मंदिर में गाए जाने वाला श्री श्याम चालीसा प्रमुख है। खाटू श्याम चालीसा के लिरिक्स नीचे पढ़े जा सकते हैं। ॥ दोहा॥ श्री गुरु पदरज शीशधर प्रथम सुमिरू गणेश ॥ ध्यान शारदा ह्रदयधर भजुँ भवानी महेश ॥चरण शरण विप्लव पड़े हनुमत … Read more

अन्नपूर्णा चालीसा (Annapurna Chalisa)

अन्नपूर्णा चालीसा (Annapurna Chalisa)

॥ माँ अन्नपूर्णा चालीसा ॥ ॥ दोहा ॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता ॥ जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी, अखिल पाप हर भव-भय-हरनी ॥ श्वेत बदन पर श्वेत बसन पुनि, संतन तुव पद … Read more

सरस्वती चालीसा (Saraswati Chalisa)

सरस्वती चालीसा (Saraswati Chalisa)

॥ दोहा ॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि । बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि ॥पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु ॥ ॥ चालीसा ॥ जय श्री सकल बुद्धि बलरासी । जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी ॥ जय जय जय वीणाकर धारी … Read more