राजधर्म और तपस्या का फर्क – प्रेरक कहानी (Rajadharm Aur Tapasya Ka Fark)

सम्राट भरत, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनके नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा, वे बड़े प्रतापी और सुयोग्य शासक थे। राजा भरत शासन करते हुए भी कठोर तपस्या किया करते थे जिससे उनका शरीर दुर्बल हो गया था। एक बार एक किसान उनके पास आया और पूछने लगा, ‘महाराजा आप … Read more

अपनी शिक्षाओं की बोली ना लगने दें – प्रेरक कहानी (Shikshaon Ki Boli Na Lagane Den)

एक नगर में रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर-दूर तक थी। पास ही के गाँव में स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजह से, उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था।एक बार वे अपने गंतव्य की और जाने के लिए बस में चढ़े, उन्होंने कंडक्टर को किराए के रुपये … Read more

भिखारी के माध्यम से लोगों को संदेश – प्रेरक कहानी (Bhikhari Ke Madhyam Se Logon Ko Sandesh)

बनारस में एक सड़क के किनारे एक बूढ़ा भिखारी बैठता था। वह उसकी निश्चित जगह थी। आने-जाने वाले पैसे या खाने-पीने को कुछ दे देते। इसी से उसका जीवन चल रहा था। उसके शरीर में कई घाव हो गए थे। जिनसे उसे बड़ा कष्ट था।एक युवक रोज उधर से आते-जाते समय उस भिखारी को देखता। … Read more

भरे हुए में राम को स्थान कहाँ? – प्रेरक कहानी (Bhare Hue Main Ram Ko Sthan Kahan)

एक सन्यासी घूमते-फिरते एक दुकान पर आये, दुकान मे अनेक छोटे-बड़े डिब्बे थे, एक डिब्बे की ओर इशारा करते हुए…सन्यासी ने दुकानदार से पूछा: इसमे क्या है? दुकानदारने कहा: इसमे नमक है! सन्यासी ने फिर पूछा: इसके पास वाले मे क्या है? दुकानदार ने कहा: इसमे हल्दी है! इसी प्रकार सन्यासी पूछ्ते गए और दुकानदार … Read more

बिल्वमंगल जी द्वारा अपनी आँखें फोड़ना – सत्य कथा (Bilvamangal Ji Dwara Apni Ankhen Phodana)

भक्तमाल कथा: गुलबर्गा जिले के गाँव में ब्राह्मण श्री रामदास जी का एक पुत्र रहता था, उसका नाम बिल्वमंगल था। महाकामी बिल्वमंगल अपनी पत्नी होते हुए भी एक दूसरे गाँव की दुश्चरित्रा स्त्री के फंदे में बुरी तरह फस गया था। दोनों गाँव के बीच बड़ी नदी थी और वह युवक प्रतिदिन एक छोटी सी … Read more

जीवन मे गुरु की आवश्यकता क्यों? – प्रेरक कहानी (Jeevan Me Guru Ki Aavashyakata Kyon?)

सफल जीवन क्या होता है? - प्रेरक कहानी (Saphal Jeevan Kya Hota Hai?)

एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है। वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा। दौड़ते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय उस … Read more

भक्ति में आडंबर नहीं चाहिए होता (Bhakti Mein Aadambar Nahin Chaahie Hota)

काशी में, एक ब्राह्मण के सामने से एक गाय भागती हुई किसी गली में घुस गई। तभी वहां, एक आदमी आया उसने गाय के बारे में पूछा, पंडितजी माला फेर रहे थे।इसलिए कुछ बोले नहीं, बस हाथ से उस गली का इशारा कर दिया जिधर गाय गई थी। पंडितजी इस बात से अंजान थे, कि … Read more

नाली के कीड़े से ब्राह्मण कुमार तक – प्रेरक कहानी (Nali Ke keede Se Brahamin Kumar)

सफल जीवन क्या होता है? - प्रेरक कहानी (Saphal Jeevan Kya Hota Hai?)

एक बार शुकदेव जी के पिता भगवान वेदव्यासजी महाराज कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक कीड़ा बड़ी तेजी से सड़क पार कर रहा था।वेदव्यासजी ने अपनी योगशक्ति देते हुए उससे पूछाः तू इतनी जल्दी सड़क क्यों पार कर रहा है? क्या तुझे किसी काम से जाना है? तू तो नाली का … Read more

सफल जीवन क्या होता है? – प्रेरक कहानी (Saphal Jeevan Kya Hota Hai?)

सफल जीवन क्या होता है? - प्रेरक कहानी (Saphal Jeevan Kya Hota Hai?)

एक बार एक शिष्य ने अपने गुरू से पुछा: गुरुदेव ये सफल जीवन क्या होता है?गुरु शिष्य को पतंग उड़ाने ले गए, शिष्य गुरु को ध्यान से पतंग उड़ाते देख रहा था। थोड़ी देर बाद शिष्य बोला: गुरुदेव ये धागे की वजह से पतंग अपनी आजादी से और ऊपर की ओर नहीं जा पा रही … Read more

कर्म के साथ भावनाओं का भी महत्व है – प्रेरक कहानी (Karm Ke Sath Bhawanaon Ka Bhi Mahatv Hai)

गाय ने केला देखकर मुँह मोड़ लिया, महिला ने गाय के सामने जाकर फिर उसके मुँह मे केला देना चाहा लेकिन गाय ने केला नहीं खाया। परंतु वह महिला केला खिलाने के लिये पीछे ही पड़ गई थी।जब महिला नहीं मानी, तो गाय ने सींग से मारने का अभिनय किया, तब महिला डरकर बिना केला … Read more