हीरे की सही पहचान – प्रेरक कहानी (Heere Ki Sahi Pahachan)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

पुराने समय में किसी शहर में एक जौहरी रहता था, उसकी असमय मृत्यु हो गई। उसके परिवार में पत्नी और उसका एक बेटा था। जौहरी की मृत्यु के बाद उनके परिवार में पैसों की कमी आ गई। एक दिन मां ने अपने बेटे को हीरों का हार दिया और कहा – इसे अपने चाचा की … Read more

परमात्मा ने जो किया वह अच्छा ही किया था – प्रेरक कहानी (Parmatma Ne Jo Kiya Wah Achchha Hi Kiya Tha)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

एक अमीर व्यक्ति समुद्र में अकेले घूमने के लिए एक नाव बनवाई और छुट्टी के दिन वह नाव लेकर अकेले समुद्र की सैर करने निकल पड़ा। वह समुद्र में थोङा आगे पहुँचा ही था कि अचानक एक जोरदार तूफान आ गया। उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस हो गइ लेकिन वह लाइफ जैकेट के साथ … Read more

कठिनाइयों में शांत रहना, वास्तव में शांति है। (Kathinaiyon Me Shant Rahna, Vastav Me Shanti Hai)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

एक राजा था जिसे चित्रकला से बहुत प्रेम था। एक बार उसने घोषणा की कि जो कोई भी चित्रकार उसे एक ऐसा चित्र बना कर देगा जो शांति को दर्शाता हो, तो वह उसे मुँह माँगा पुरस्कार देगा।निर्णय वाले दिन एक से बढ़ कर एक चित्रकार पुरस्कार जीतने की लालसा से अपने-अपने चित्र लेकर राजा … Read more

नाम जप की महत्ता – प्रेरक कहानी (Naam Jap Ki Mahatta)

नाम जप की महत्ता - प्रेरक कहानी (Naam Jap Ki Mahatta)

एक बार की बात है राजा एवं महामंत्री ने मार्ग में किसी ब्राह्मण को भीख माँगते देखा। राजा ने महामंत्री से पूछा: यह क्या है? महामंत्री ने तत्काल कहा: महाराज! भूला हुआ है। राजा ने कहा: तो इस पण्डित को रास्ते पे लाओ। महामंत्री ने कहा: आ जायेगा, राजन! पर समय लगेगा। कृपया तीन माह … Read more

उलटे भजन का सीधा भाव (Ulate Bhajan Ka Seedha Bhav)

उलटे भजन का सीधा भाव (Ulate Bhajan Ka Seedha Bhav)

एक बार एक व्यक्ति श्री वृंदावन धाम में दर्शन करने गया। दर्शन करके लौट रहा था। तभी एक संत अपनी कुटिया के बाहर बैठे बड़ा अच्छा पद गा रहे थे कि हो नयन हमारे अटके श्री बिहारी जी के चरण कमल में बार-बार वह संत यही गाये जा रहे थे | उस संत के मुख … Read more

मन की शांति कैसे प्राप्त करें? – प्रेरक कहानी (Mann Ki Shanti Kaise Prapt Karain)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

सेठ अमीरचंद के पास अपार धन दौलत थी। उसे हर तरह का आराम था, लेकिन उसके मन को शांति नहीं मिल पाती थी। हर पल उसे कोई न कोई चिंता परेशान किये रहती थी।एक दिन वह कहीं जा रहा था तो रास्ते में उसकी नजर एक आश्रम पर पड़ी। वहाँ उसे किसी साधु के प्रवचनों … Read more

प्रेरक कहानी: एक सत्संग ऐसी भी (Ek Satsang Aisa Bhi)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

एक सेठ और सेठानी रोज सत्संग में जाते थे। सेठजी के एक घर एक पिंजरे में तोता पाला हुआ था। तोता एक दिन पूछता हैं कि सेठजी आप रोज कहाँ जाते है। सेठजी बोले कि, सत्संग में ज्ञान सुनने जाते है। तोता कहता है, सेठजी संत महात्मा से एक बात पूछना कि में आजाद कब … Read more

कर्म का भोग कैसे भोगते हैं? – प्रेरक कहानी (Karm Ka Bhog Kaise Bhogte Hain)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

एक गाँव में एक किसान रहता था उसके परिवार में उसकी पत्नी और एक लड़का था। कुछ सालों के बाद पत्नी की मृत्यु हो गई उस समय लड़के की उम्र दस साल थी।किसान ने दूसरी शादी कर ली। उस दूसरी पत्नी से भी किसान को एक पुत्र प्राप्त हुआ। किसान की दूसरी पत्नी की भी … Read more

प्रेरक कहानी: जब पंडित जी नदी मे बह गए.. (Jab Panditji Nadhi Me Bah Gaye)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

आज गंगा पार होनेके लिए कई लोग एक नौकामें बैठे, धीरे-धीरे नौका सवारियों के साथ सामने वाले किनारे की ओर बढ़ रही थी, एक पंडित जी भी उसमें सवार थे। पंडित जी ने नाविक से पूछा क्या तुमने भूगोल पढ़ी है?भोला-भाला नाविक बोला भूगोल क्या है इसका मुझे कुछ पता नहीं। पंडितजी ने पंडिताई का … Read more

नमस्ते और नमस्कार मे क्या अंतर है? (Namaste Aur Namaskar Me Kya Antar Hai?)

नमस्ते और नमस्कार मे क्या अंतर है? (Namaste Aur Namaskar Me Kya Antar Hai?)

नमस्कार और नमस्ते, एक जैसे अर्थ वाले दो शब्द हैं। लेकिन अगर इनकी गहराई में जाया जाए तो दोनों में अंतर बहुत ही सूक्ष्म है। परंतु आज किसी के पास इतना समय कहाँ कि इतनी गहराई मे जाकर इसके बारे मे सोचें।तिवारी जी, उत्तर प्रदेश के एक कसबे के 12वीं तक के स्कूल में रसायन … Read more