केवल इस तरह हो सकती है सच्चे सुख और आनंद की प्राप्ति

केवल इस तरह हो सकती है सच्चे सुख और आनंद की प्राप्ति

संकलन: आर. डी. अग्रवाल ‘प्रेमी’एक बार समर्थ स्वामी रामदास भिक्षा मांगते-मांगते एक घर पर पहुंचे। दरवाजे पर उन्होंने दस्तक दी और आवाज लगाई, ‘जय-जय रघुवीर समर्थ!’ घर से एक महिला बाहर आई। महिला ने झोली में भिक्षा डाली और निवेदन किया, ‘महात्माजी! सच्चा सुख और आनंद प्राप्ति का मार्ग क्या है। यह बताते हुए कोई … Read more

प्रधानमंत्री बनने से पहले इस तरह का कार्य करते थे लाल बहादुर शास्त्री

प्रधानमंत्री बनने से पहले इस तरह का कार्य करते थे लाल बहादुर शास्त्री

संकलन: बेला गर्गएक बार की बात है। लाल बहादुर शास्त्री तब प्रधानमंत्री नहीं बने थे, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य थे और देश के एक प्रभावी नेता के रूप में उनकी पहचान बन गई थी। वह आम जनता से मिलने ऐसे क्षेत्रों में जा रहे थे जहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं था। … Read more

संक्रमण के डर से तब गांधीजी को भी कर दिया गया था क्वारंटीन

संक्रमण के डर से तब गांधीजी को भी कर दिया गया था क्वारंटीन

महात्मा गांधी जब पहली बार कस्तूरबा और दोनों बच्चों को अपने साथ दक्षिण अफ्रीका ले जाने के लिए बंबई से निकले, तो किसी को नहीं पता था कि यह यात्रा इतिहास बदलने वाली होगी। कस्तूरबा को तो यह भी नहीं पता था कि उस देश में गांधी की हैसियत क्या है। उन्हें तो बस परिवार … Read more

वल्‍लभभाई पटेल ने इस तरह समझाया गलत-सही का फर्क

वल्‍लभभाई पटेल ने इस तरह समझाया गलत-सही का फर्क

वल्लभभाई पटेल सच्चे लोगों के पक्ष में कार्य करने को सदैव तत्पर रहते थे। एक बार उनके इलाके में म्युनिसिपल चुनाव हो रहे थे जिसमें एक धनी व्यक्ति के विरुद्ध एक शिक्षक खड़े हुए। वे शिक्षक सीधे-सादे और ईमानदार प्रवृत्ति के थे। सीधे-सादे शिक्षक को अपने विरुद्ध खड़ा देख उस धनी व्यक्ति ने शिक्षक का … Read more

जोगी ने अजब तरीके से समझाया स्‍वच्‍छता का महत्‍व, आप भी जान‍िए

जोगी ने अजब तरीके से समझाया स्‍वच्‍छता का महत्‍व, आप भी जान‍िए

सुदूर दक्षिण से गढ़वाल में एक संत आए। उनका नाम था स्वामी मनमंथन। वे एकांत में बैठकर चिंतन करते। वे बराबर बच्चों के बारे में विचार करते रहते। स्वामी मनमंथन ने एक स्कूल खोला। उनके स्कूल में कई बच्चे आते थे। मनमंथन सफाई पर विशेष ध्यान देते थे। उन दिनों गांव के बच्चों की स्थिति … Read more

भगवान विष्णु ने दिखाई ऐसी माया, चांडाल बन गया राजा

भगवान विष्णु ने दिखाई ऐसी माया, चांडाल बन गया राजा

योगाचार्य सुरक्षित गोस्वामीगुरु वशिष्ठ, श्रीराम को गाधी ब्राह्मण की कथा सुनाते हैं कि गाधी के मन में माया को जानने की इच्छा हुई, इसलिए वो विष्णु की उपासना करने लगा। भगवान प्रसन्न हुए और तथास्तु कहा। कुछ दिनों बाद गाधी ने गंगा स्नान करते हुए जैसे डुबकी लगाई, तभी अनुभव हुआ कि उसकी मृत्यु हो … Read more

इस घटना के बाद गांधीजी ने तन से कपड़े उतार दिए और घुटने तक धोती पहनने लगे

इस घटना के बाद गांधीजी ने तन से कपड़े उतार दिए और घुटने तक धोती पहनने लगे

संकलन: बेला गर्ग बात आजादी के पहले की है। लखनऊ में कांग्रेस का महाधिवेशन था जिसमें गांधीजी आए थे। वक्ताओं ने तत्कालीन समस्याओें पर विवेचन किया, लेकिन राजकुमार शुक्ल ने किसानों की जो कष्ट-कहानी कही, उसे सुनकर गांधीजी विचलित हो गए। उसकी सचाई अपनी आंखों देखने वे चंपारण पहुंचे। साथ में कस्तूरबा भी थीं। कस्तूरबा … Read more

जान‍िए, कभी स्‍कूल न जाने की जिद करने वाले अहम सुकर्णो कैसे बनें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति?

जान‍िए, कभी स्‍कूल न जाने की जिद करने वाले अहम सुकर्णो कैसे बनें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति?

एक समय की बात है। इंडोनेशिया में एक लड़का एक दिन अचानक हठ कर बैठा कि वह स्कूल नहीं जाएगा। वह अपने माता-पिता से लगातार कहे जा रहा था- आज मैं स्कूल नहीं जाऊंगा। पिता ने बड़े प्यार से लड़के को बुलाया और उससे पूछा, ‘बेटा, आखिर क्या बात है जो बार-बार स्कूल नहीं जाने … Read more

इस क्रांतिकारी ने तीन बार अंग्रेजों को चटाई थी धूल, दिया था कड़ा संदेश

इस क्रांतिकारी ने तीन बार अंग्रेजों को चटाई थी धूल, दिया था कड़ा संदेश

संकलन: हफीज किदवईउनसे पहले जेल में अनशन करते हुए एक बौद्ध संन्यासी फुंगी विजय अपने प्राण दे चुके थे। रामरक्खा भी अनशन के दौरान प्राण दे चुके थे। लाहौर षड्यंत्र के क्रांतिकारी महावीर, रामकृष्ण, नामादास और मोहित मोहन भी प्राण दे चुके थे, मगर इनसे अलग एक जिंदगी थी, जो भूख-प्यास से दूर रोज मौत … Read more

श‍िव के कोप का श‍िकार हुए थे सूर्य भी, जान‍िए कब अंधकारमय हो गई थी सृष्टि?

श‍िव के कोप का श‍िकार हुए थे सूर्य भी, जान‍िए कब अंधकारमय हो गई थी सृष्टि?

ब्रह्मवैवर्त पुराण में ऐसी है एक कथा भगवान शिव कितने भोले हैं यह तो सभी जानते हैं। कभी वह शिवलिंग के ऊपर बंधे घंटे को चोरी करने वाले को अपना भक्‍त मान लेते हैं। तो कभी पेड़ पर चढ़े शिकारी के यूं ही बेलपत्र तोड़कर नीचे फेंकने को उसकी भक्ति समझ लेते हैं। यही नहीं … Read more