केवल इस तरह हो सकती है सच्चे सुख और आनंद की प्राप्ति
संकलन: आर. डी. अग्रवाल ‘प्रेमी’एक बार समर्थ स्वामी रामदास भिक्षा मांगते-मांगते एक घर पर पहुंचे। दरवाजे पर उन्होंने दस्तक दी और आवाज लगाई, ‘जय-जय रघुवीर समर्थ!’ घर से एक महिला बाहर आई। महिला ने झोली में भिक्षा डाली और निवेदन किया, ‘महात्माजी! सच्चा सुख और आनंद प्राप्ति का मार्ग क्या है। यह बताते हुए कोई … Read more