जब सरदार पटेल की पुत्री मणिबेन ने गांधीजी से प्रेरित होकर कर दी यह चीज दान

जब सरदार पटेल की पुत्री मणिबेन ने गांधीजी से प्रेरित होकर कर दी यह चीज दान

संकलन: रेनू सैनीसरदार वल्लभभाई पटेल प्रारंभ में गांधीजी से प्रभावित नहीं थे। लेकिन बाद में गांधीजी के संपर्क में आने के बाद वह उनकी विचारधारा में पूरी तरह डूब गए। एक बार गांधीजी ने जन-जन से देश को स्वतंत्र कराने के लिए दान की अपील की। कोने-कोने से लोग कीमती वस्तुएं दान में देने के … Read more

जानिए रामभक्‍त हनुमान के अमर होने की पूरी कहानी, ग्रंथों में मिलता है प्रमाण

जानिए रामभक्‍त हनुमान के अमर होने की पूरी कहानी, ग्रंथों में मिलता है प्रमाण

रामभक्‍त हनुमान को शिव का अवतार माना जाता है। इस संबंध में ग्रंथों में तमाम बातें भी लिखी जा चुकी हैं जो इस बात का साक्ष्‍य हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि शिव के 11रूद्र अवतारों में से एक हनुमान अवतार को अमरता का वरदान किसने दिया और क्‍यों श्रीराम के अनन्‍य भक्‍त श्री … Read more

नाले में गिर गया नानक देव का प्याला, इस शिष्य ने किया यह काम

नाले में गिर गया नानक देव का प्याला, इस शिष्य ने किया यह काम

संकलन: नीलिमा दासगुरु नानक देव अक्सर शिष्यों को लेकर भ्रमण पर निकल जाते थे। इसी तरह चलते-चलते उन्हें ज्ञान की बातें भी बता देते थे। एक बार नानक देव अपने कुछ शिष्यों को साथ लेकर कहीं जा रहे थे। उनका प्याला उनके हाथ से छूटा और नाले में गिर गया। उन्होंने अपने शिष्यों की ओर … Read more

Janmashtami Vrat Katha : जन्‍माष्‍टमी व्रत करते हैं तो यह व्रत कथा पढ़ना बिल्‍कुल न भूलें

Janmashtami Vrat Katha : जन्‍माष्‍टमी व्रत करते हैं तो यह व्रत कथा पढ़ना बिल्‍कुल न भूलें

कन्‍हैया जन्‍माष्‍टमी कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी त‍िथि Janmashtami Vrat Katha : जन्‍माष्‍टमी यानी कन्‍हैया का जन्‍मद‍िन भाद्रपद माह के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को मनाया जाता है। इस द‍िन भक्‍त मध्‍यरात्रि में कन्‍हैया का श्रृंगार करके भोग लगाकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इसी के साथ कान्‍हा के जन्‍म की कथा सुनते हैं। मान्‍यता है … Read more

इस महिला ने भारतीय महिलाओं को उल्‍टे पल्‍लू की साड़ी पहनना सिखाया

इस महिला ने भारतीय महिलाओं को उल्‍टे पल्‍लू की साड़ी पहनना सिखाया

सन 1864 में न स्त्रियां पांव में मोजे पहनती थीं, न ही उल्टे पल्लू की साड़ी बांधती थीं। भारत के अधिकतर हिस्से में स्त्रियां सिले हुए कपड़े नहीं पहनती थीं। बदन पर केवल साड़ी लपेटी जाती थी। हालांकि पुरुषों को पहनने-ओढ़ने की पूरी छूट थी। वे जो चाहे पहन सकते थे। इसी माहौल में ज्ञानदानंदिनी … Read more

इसलिए दफ्तर में नाश्ते का बिल अपनी जेब से पैसे भरते थे यूपी के यह मुख्यमंत्री

इसलिए दफ्तर में नाश्ते का बिल अपनी जेब से पैसे भरते थे यूपी के यह मुख्यमंत्री

संकलन: दीनदयाल मुरारकाघटना उस समय की है, जब पंडित गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उनकी गिनती देश के सबसे ईमानदार राजनेताओं में होती थी। वह कोई विशेष सुविधा नहीं लेते थे और न ही कभी सरकारी पैसे से अपना कोई निजी काम करते थे। एक बार पंत जी ने सरकारी बैठक की। … Read more

जब बचपन में स्वामी विवेकानंद को ब्रह्मराक्षस से डराया गया

जब बचपन में स्वामी विवेकानंद को ब्रह्मराक्षस से डराया गया

संकलन: मौलश्री गुप्ताडर क्या चीज होती है, बालक नरेंद्र को यह पता ही नहीं था। डराकर किसी काम से उसे रोकना असंभव था। नरेंद्र के एक पड़ोसी के घर में चंपक फूल का एक पेड़ था। उस पेड़ की डालियों में पैर अड़ाकर सिर और हाथ नीचे करके झूलने में उसे बड़ा मजा आता था। … Read more

इस तरह के लोग जीवन जीना जान लेते हैं: महावीर स्वामी

इस तरह के लोग जीवन जीना जान लेते हैं: महावीर स्वामी

संकलन: बेला गर्गएक बार महावीर घने जंगल में विचरण कर रहे थे। उनके साथ गोशालक भी था। वह था तो महावीर का शिष्य, लेकिन किसी गलतफहमी की वजह से उनसे नाराज था और उन्हें गलत साबित करने का मौका खोजता रहता था। दोनों एक पौधे के पास से गुजरे तो गोशालक ने कहा, ‘इस पौधे … Read more

जानें, क्‍या है मृगशिरा नक्षत्र और इस नक्षत्र में जन्‍में लोगों का कैसा होता है व्‍यवहार?

जानें, क्‍या है मृगशिरा नक्षत्र और इस नक्षत्र में जन्‍में लोगों का कैसा होता है व्‍यवहार?

सनातन धर्म में नक्षत्रों का बहुत महत्‍व है। इससे हम जहां वर्तमान और भविष्‍य की गणना करते हैं, वहीं इनके चलते हमारा जीवन भी प्रभावित होता है। ज्‍योतिषशास्‍त्र के मुताबिक नक्षत्रों से हमारे आचार-व्‍यवहार को तो पता चलता ही है साथ ही जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव और हम कहां-किस क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे यह … Read more

इस तरह लोहिया ने बिना बोले ही महात्मा गांधी को दे दिए सभी जवाब

इस तरह लोहिया ने बिना बोले ही महात्मा गांधी को दे दिए सभी जवाब

संकलन: दीनदयाल मुरारकाएक बार महात्मा गांधी शाम की प्रार्थना के बाद अपने शिष्यों के साथ टहल रहे थे। उस समय उनके साथ राम मनोहर लोहिया भी थे। महात्मा गांधी ने राम मनोहर लोहिया के कंधे पर हाथ रखा और साथ में टहलने लगे। जल्द ही बातों का सिलसिला शुरू हो गया। गांधीजी एक के बाद … Read more