खलीफा ने गुरु को बताया सबसे बड़ा, बोले गुरुओं के कृपापात्र बनने से संस्कारवान होते हैं बच्चे
बगदाद के एक मदरसे में उस्ताद फर्राह के पास दो सुंदर बालक फर्श पर बैठकर उनसे पढ़ रहे थे। थोड़ी देर बाद मौलवी जी खड़े हुए और बोले, ‘भाई मेरी जूतियां उठा लाओ मैं बाहर जा रहा हूं’। दोनों बालक एक-एक जूती हाथ में लेकर मौलवी साहब के पास आ गए। वे दोनों भाई बगदाद … Read more