बुद्ध शिष्य सारिपुत्र ने बताया दूर होते हुए भी पास रहने का अर्थ, बोले शून्य होने से खत्म हो जाता है अहं
बुद्ध एक गांव में भिक्षु-भिक्षुणियों के पास बैठे थे। शांति छाई हुई थी। वहां बुद्ध के एक विशेष शिष्य थे सारिपुत्र। बुद्ध ने उनसे कहा, ‘सारिपुत्र! अब तुम स्वयं बुद्ध हो गए हो, यहां से दूर जाकर मेरे संदेश को लोगों तक पहुंचाओ।’ सारिपुत्र नमस्कार करके चलने लगे। इसी बीच बुद्ध के दूसरे बड़े शिष्य … Read more