बुद्ध शिष्य सारिपुत्र ने बताया दूर होते हुए भी पास रहने का अर्थ, बोले शून्य होने से खत्म हो जाता है अहं

बुद्ध शिष्य सारिपुत्र ने बताया दूर होते हुए भी पास रहने का अर्थ, बोले शून्य होने से खत्म हो जाता है अहं

बुद्ध एक गांव में भिक्षु-भिक्षुणियों के पास बैठे थे। शांति छाई हुई थी। वहां बुद्ध के एक विशेष शिष्य थे सारिपुत्र। बुद्ध ने उनसे कहा, ‘सारिपुत्र! अब तुम स्वयं बुद्ध हो गए हो, यहां से दूर जाकर मेरे संदेश को लोगों तक पहुंचाओ।’ सारिपुत्र नमस्कार करके चलने लगे। इसी बीच बुद्ध के दूसरे बड़े शिष्य … Read more

जब एक सूफी संत राजा ने अपनी बेटी का निकाह गरीब से करवाया

जब एक सूफी संत राजा ने अपनी बेटी का निकाह गरीब से करवाया

संकलन: हफीज किदवईशाहशुजा किरमानी किरमान के बादशाह थे जो बाद में बड़े सूफी संत हुए। एक बार उनकी बेटी के लिए बगल के सुल्तान ने अपने बेटे का रिश्ता भेजा। इस रिश्ते से शाहशुजा मायूस हो गए, क्योंकि उन्हें बादशाहत से लगाव ही नहीं रहा था और वह अपनी बेटी को किसी महल में नहीं … Read more

इस व्‍यक्ति को साधु की दिनचर्या से कैसे प्राप्‍त हुआ ज्ञान

इस व्‍यक्ति को साधु की दिनचर्या से कैसे प्राप्‍त हुआ ज्ञान

संकलन : मुकेश जैनबात पुरानी है। एक साधु से किसी व्यक्ति ने कहा कि विचारों का प्रवाह उसे बहुत परेशान कर रहा है। उस साधु ने उसे इस समस्या के निदान के लिए अपने एक मित्र साधु के पास भेजा और कहा, ‘जाओ और उसकी समग्र जीवन-चर्या ध्यान से देखो। उससे ही तुम्हें मार्ग मिलेगा।’ … Read more

पढ़ाने को पैसे नहीं थे, यह अविष्कार कर बने दुनिया के महान वैज्ञानिक

पढ़ाने को पैसे नहीं थे, यह अविष्कार कर बने दुनिया के महान वैज्ञानिक

संकलन: आर.डी. अग्रवाल ‘प्रेमी’ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में फ्लेमिंग नाम का एक गरीब किसान अपने खेत पर काम कर रहा था कि उसे किसी बच्चे के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। आवाज की दिशा में जाने पर उसने देखा कि एक बच्चा दलदल में डूब रहा है। किसान ने आनन-फानन एक लंबी टहनी ढूंढी और खुद … Read more

जान‍िए, धरती पर राधा-कृष्‍ण का प्रेम कहां से और कब शुरू हुआ था?

जान‍िए, धरती पर राधा-कृष्‍ण का प्रेम कहां से और कब शुरू हुआ था?

कृष्‍ण की शाश्‍वत जीवन संग‍िनी राधा राधा-कृष्‍ण के अलौक‍िक प्रेम को तो सभी जानते हैं। यह उनके प्रेम की ही पराकाष्‍ठा है कि चोट कान्‍हा को लगे तो पीर राधा को होती है। पुराणों में श्री राधारानी को कृष्‍ण की शाश्‍वत जीवन संग‍िनी कहा जाता है। लेकिन क्‍या आप जानते कि इस प्रेम की शुरुआत … Read more

डॉ. राधाकृष्णन ने स्टालिन के जन्मदिन पर दिया बेल का फल, बोले ये हैं अंदर से नरम और बाहर से गरम

डॉ. राधाकृष्णन ने स्टालिन के जन्मदिन पर दिया बेल का फल, बोले ये हैं अंदर से नरम और बाहर से गरम

बात उन दिनों की है जब डॉ. राधाकृष्णन रूस में भारत की ओर से राजदूत बने थे। एक दिन रूस के लौह पुरुष कहे जाने वाले स्टालिन का जन्मदिन आया। डॉ. राधाकृष्णन भी स्टालिन के पास बधाई देने पहुंचे। जन्मदिन के तोहफे के तौर पर उन्होंने स्टालिन को बेल का फल दिया। वहां उपस्थिति गणमान्य … Read more

कंफ्यूशियस की अदालत में चोर और साहूकार को मिली बराबर सजा, यह था कारण

कंफ्यूशियस की अदालत में चोर और साहूकार को मिली बराबर सजा, यह था कारण

चीन के सुप्रसिद्ध विचारक, दार्शनिक एवं मनीषी कन्फ्यूशियस न्यायप्रिय व्यक्ति थे। उनकी न्यायप्रियता की चारों तरफ चर्चा थी। अक्सर उनकी अदालत में जटिल से जटिल मामले आते और वे जो न्याय करते, वह सर्वमान्य होता। एक दिन उनकी अदालत में चोरी का मामला आया। चोरी की गई संपत्ति सहित चोर पकड़ा गया। उन्होंने चोर को … Read more

सलाद से हटा जैतून तो एयरलाइंस को होने लगा करोड़ों का मुनाफा, जानिए कैसे ?

सलाद से हटा जैतून तो एयरलाइंस को होने लगा करोड़ों का मुनाफा, जानिए कैसे ?

एक बार अमेरिकन एयरलाइंस की एक फ्लाइट अटेंडेंट ने यह गौर किया कि उस एयरलाइंस के कई यात्री अपने सलाद में जैतून यानी कि ऑलिव नहीं खाते थे। उसने कई यात्रियों से यह पूछा कि वे जैतून की सलाद को क्यों छोड़ देते हैं? अधिकतर ने कहा कि उन्हें जैतून को सलाद के रूप में … Read more

दुनिया की पहली सर्जरी ऐसे हुई थी, गजब है कहानी

दुनिया की पहली सर्जरी ऐसे हुई थी, गजब है कहानी

च‍िक‍ित्‍सकों नहीं देवताओं ने की थी सबसे पहले सर्जरी विज्ञान की कई ऐसी खोज हैं, जिनके बारे में हिंदू धर्म ग्रंथों में तमाम पहले ही उल्‍लेख किया जा चुका है। इन्‍हीं में से एक है सर्जरी। पुराणों के अनुसार, दुनिया की सबसे पहली सर्जरी का श्रेय भी हिंदू धर्म के देवताओं को जाता है। आइए … Read more

शिवाजी ने ऐसे बचाई मुगल बहू की इज्जत, सेनापति हुआ शर्मिंदा

शिवाजी ने ऐसे बचाई मुगल बहू की इज्जत, सेनापति हुआ शर्मिंदा

छत्रपति शिवाजी महाराज तलवारबाजी में जितने निपुण थे, वह चरित्र के भी उतने ही धनी थे। अपने चरित्र और तलवार को उन्होंने कभी दागदार नहीं होने दिया। एक बार शिवाजी के वीर सेनापति ने कल्याण का किला जीता। हथियारों के जखीरे के साथ-साथ उनके हाथ अकूत संपत्ति भी लगी। एक सैनिक ने मुगल किलेदार की … Read more