शीतला माता की आरती (Sheetla Mata Ki Aarti)

शीतला माता की आरती (Sheetla Mata Ki Aarti)

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता । आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥ ॐ जय शीतला माता..॥रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता । ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें, जगमग छवि छाता ॥ ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता । विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता । वेद पुराण वरणत, पार नहीं पाता … Read more

श्री बालाजी आरती (Shri Balaji Ki Aarti)

श्री बालाजी आरती (Shri Balaji Ki Aarti)

श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाली आरती हैॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा । संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा ॥ ॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥ पवन पुत्र अंजनी सूत, महिमा अति भारी । दुःख दरिद्र मिटाओ, संकट सब … Read more

श्री सीता आरती (Sita Mata Aarti)

श्री सीता आरती (Sita Mata Aarti)

आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन चारिणी, पति हित पति … Read more

नृसिंह भगवान आरती (Narasimha Bhagwan Aarti)

नृसिंह भगवान आरती (Narasimha Bhagwan Aarti)

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे । स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे ॥ ॐ जय नरसिंह हरे ॥तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी । अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी ॥ ॐ जय नरसिंह हरे ॥ सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो … Read more

श्री शनि देव: आरती कीजै नरसिंह कुंवर की (Shri Shani Dev Aarti Keejai Narasinh Kunwar Ki)

श्री शनि देव: आरती कीजै नरसिंह कुंवर की (Shri Shani Dev Aarti Keejai Narasinh Kunwar Ki)

आरती कीजै नरसिंह कुंवर की । वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥पहली आरती प्रह्लाद उबारे । हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥ दुसरी आरती वामन सेवा । बल के द्वारे पधारे हरि देवा ॥ तीसरी आरती ब्रह्म पधारे । सहसबाहु के भुजा उखारे ॥ चौथी आरती असुर संहारे । भक्त विभीषण लंक पधारे ॥ पाँचवीं … Read more

माता गायत्री आरती (Mata Gayatri Aarti)

माता गायत्री आरती (Mata Gayatri Aarti)

जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक क‌र्त्री । दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे । भव भयहारी, जन-हितकारी, … Read more

श्री जगन्नाथ संध्या आरती (Shri Jagganath Sandhya Aarti)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

अनंत रूप अन्नांत नाम अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणाअनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्ववयापका नारायाणा विस्ववयापका नारायाणा विस्वा तेजसा प्रज्ञा स्वरूपा विस्वा तेजसा प्रज्ञा स्वरूपा हे ढाया सिंधो कृष्णा … Read more

जगन्नाथ मंगल आरती (Jagannath Mangal Aarti)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

आरती श्री जगन्नाथ आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी, अगर कपूर बाटी भव से धारी, आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी, झांझ या मृदंग बाजे, ताल खनजरी, आरती श्री जगन्नाथ … Read more

श्री जगन्नाथ आरती – चतुर्भुज जगन्नाथ (Shri Jagganath Aarti – Chaturbhuja Jagannatha)

श्री जगन्नाथ आरती - चतुर्भुज जगन्नाथ (Shri Jagganath Aarti - Chaturbhuja Jagannatha)

चतुर्भुज जगन्नाथ कंठ शोभित कौसतुभः ॥पद्मनाभ, बेडगरवहस्य, चन्द्र सूरज्या बिलोचनः जगन्नाथ, लोकानाथ, निलाद्रिह सो पारो हरि दीनबंधु, दयासिंधु, कृपालुं च रक्षकः कम्बु पानि, चक्र पानि, पद्मनाभो, नरोतमः जग्दम्पा रथो व्यापी, सर्वव्यापी सुरेश्वराहा लोका राजो, देव राजः, चक्र भूपह स्कभूपतिहि निलाद्रिह बद्रीनाथशः, अनन्ता पुरुषोत्तमः ताकारसोधायोह, कल्पतरु, बिमला प्रीति बरदन्हा बलभद्रोह, बासुदेव, माधवो, मधुसुदना दैत्यारिः, कुंडरी काक्षोह, … Read more

गुरुदेव आरती – श्री नंगली निवासी सतगुरु (Guru Aarti – Shri Nangli Niwasi Satguru)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

आरती श्री गुरुदेव जी की गाऊँ । बार-बार चरणन सिर नाऊँ ॥त्रिभुवन महिमा गुरु जी की भारी । ब्रह्मा विष्णु जपे त्रिपुरारी ॥ राम कृष्ण भी बने पुजारी । आशीर्वाद में गुरु जी को पाऊं ॥ भव निधि तारण हार खिवैया । भक्तों के प्रभु पार लगैया ॥ भंवर बीच घूमे मेरी नैया । बार … Read more