आरती राम लला की (Aarti Ram Lala Ki)
आरती कीजे श्रीरामलला की । पूण निपुण धनुवेद कला की ॥धनुष वान कर सोहत नीके । शोभा कोटि मदन मद फीके ॥ सुभग सिंहासन आप बिराजैं । वाम भाग वैदेही राजैं ॥ कर जोरे रिपुहन हनुमाना । भरत लखन सेवत बिधि नाना ॥ शिव अज नारद गुन गन गावैं । निगम नेति कह पार न … Read more