श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती (Mata Shri Chintpurni Devi)
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँजन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥ ॥ भोली माँ ॥ सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥ ॥ भोली माँ ॥ एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, तीजे त्रिशूल सम्भालो ॥ ॥ भोली माँ ॥ चौथे हाथ चक्कर … Read more