श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)

श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)

जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम् । जय पूज्यपद पद्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे । कर्मेश जय धर्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी प्रभो, जय लेखनीधारी विभो । जय श्यामतम, चित्रेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ पुर्वज व भगवत अंश जय, कास्यथ कुल, अवतंश जय । जय शक्ति, … Read more

गोविंद चले चरावन धेनु – भजन (Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु - भजन (Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु । गृह गृह तें लरिका सब टेरे शृंगी मधुर बजाई बेनु ॥सुरभी संग सोभित द्वै भैया लटकत चलत नचावत नेंन । गोप वधू देखन सब निकसीं कियो संकेत बताई सेंन ॥ ब्रजपति जब तें बन पाउँ धारे न परत ब्रजजन पल री चैन । तजि गृह काज विकली सी डोलत दिन … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 18 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 18)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 22)

लिखता हूँ मॉ पुराण की, सीधी सच्ची बात । अठारहवां अध्याय कार्तिक, मुक्ति का वरदात ॥अब रौद्र रूप महाप्रभु शंकर नन्दी पर चढ़कर युद्धभूमि में आये। उनको आया देख कर उनके पराजित गण फिर लौट आये और सिंहनाद करते हुए आयुद्धों से दैत्यों पर प्रहार करने लगे। भीषण रूपधारी रूद्र को देख दैत्य भागने लगे … Read more

श्री गणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam – Mudakaratta Modakam)

श्री गणेशपञ्चरत्नम् - मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam - Mudakaratta Modakam)

श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र! मुदा करात्त मोदकं सदा विमुक्ति साधकम् । कलाधरावतंसकं विलासिलोक रक्षकम् । अनायकैक नायकं विनाशितेभ दैत्यकम् । नताशुभाशु नाशकं नमामि तं विनायकम् ॥ 1 ॥नतेतराति भीकरं नवोदितार्क भास्वरम् । नमत्सुरारि निर्जरं नताधिकापदुद्ढरम् । सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरम् । महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥ 2 ॥ समस्त लोक शङ्करं निरस्त दैत्य कुञ्जरम् … Read more

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

श्री सूर्य देव चालीसा ॥ ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस सुनूर विभाकर॥ विवस्वान आदित्य विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि खग रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ 4 … Read more

अपनी शिक्षाओं की बोली ना लगने दें – प्रेरक कहानी (Shikshaon Ki Boli Na Lagane Den)

एक नगर में रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर-दूर तक थी। पास ही के गाँव में स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजह से, उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था।एक बार वे अपने गंतव्य की और जाने के लिए बस में चढ़े, उन्होंने कंडक्टर को किराए के रुपये … Read more

नवरात्रि में कन्या पूजन की विधि (Method of Kanya Pujan in Navratri)

नवरात्रि में कन्या पूजन की विधि (Method of Kanya Pujan in Navratri)

नवरात्रि में विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत ही खास माना जाता है, क्योंकि इन दिनों कन्या पूजन का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में कन्या की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इससे मां दुर्गा … Read more

शिव आरती – ॐ जय शिव ओंकारा (Shiv Aarti – Om Jai Shiv Omkara)

शिव आरती - ॐ जय शिव ओंकारा (Shiv Aarti - Om Jai Shiv Omkara)

भगवान शिव जिन्हें शंकर, भोलेनाथ, महादेव के संबोधन से भी पुकारा जाता है। इनकी स्तुति मुख्यता साप्ताहिक दिन सोमवार, मासिक त्रियोदशी तथा प्रमुख दो शिवरात्रियों को की जाती है, शिवजी की आरती इन्हीं दिन और पर्व को विशेष रूप में की जाती है।ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा … Read more

चलो चलो रे बागेश्वर धाम बैठे बालाजी: भजन (Chalo Chalo Re Bageshwar Dham Bithe Balaji)

चलो चलो रे बागेश्वर धाम बैठे बालाजी: भजन (Chalo Chalo Re Bageshwar Dham Bithe Balaji)

चलो चलो रे बागेश्वर धाम बैठे बालाजी। बालाजी देखो बालाजी। 2 जन-जन का करें कल्याण देखो बालाजी।अर्जी लगा ले भाग्य जगा ले। 2 श्री बालाजी के दर्शन पाले। 2 तेरे बिगड़ी बना दे काम धडा के बालाजी।2 दूर-दूर से भक्त पधारे भूत प्रेत सब डर कर भागे।2 ऐसी सन्यासी है महाराज धडा के बालाजी।2 स्वयं … Read more

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा (Shri Brihaspatidev Ji Vrat Katha)

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा (Shri Brihaspatidev Ji Vrat Katha)

॥ अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा ॥ भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था। यह बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी, वह न ही गरीबों को दान देती, न ही भगवान का पूजन करती थी और राजा को भी दान देने … Read more