प्रभुकृपा, यही आप से प्रार्थना है – प्रेरक कहानी (Prabhu Kripa: Yahi Aapse Prarthana Hai)

प्रभुकृपा, यही आप से प्रार्थना है - प्रेरक कहानी (Prabhu Kripa: Yahi Aapse Prarthana Hai)

रात नौ बजे लगभग अचानक मुझे एलर्जी हो गई। घर पर दवाई नहीं, न ही इस समय मेरे अलावा घर में कोई और। श्रीमती जी बच्चों के पास दिल्ली और हम रह गए अकेले।ड्राईवर मित्र भी अपने घर जा चुका था। बाहर हल्की बारिश की बूंदे सावन महीने के कारण बरस रही थी। दवा की … Read more

नवरात्रि घटस्थापना पूजा में उपयोग किए जाने वाले 7 अनाज (7 Grains Used in Navratri Ghatasthapana Puja)

नवरात्रि घटस्थापना पूजा में उपयोग किए जाने वाले 7 अनाज (7 Grains Used in Navratri Ghatasthapana Puja)

नवरात्र की पूजा में सबसे महत्‍वपूर्ण कलश स्‍थापना को माना जाता है। शास्‍त्रों में कलश स्‍थापित करने को गणेशजी का स्‍वरूप माना गया है। नवरात्र के पहले दिन घटस्‍थापना इसलिए की जाती है ताकि गणेशजी की कृपा से नवरात्र के 9 दिन बिना किसी विघ्‍न बाधा के पूजा के कार्य संपन्‍न हो सकें। कलश भगवान … Read more

भगवन मेरे भगवन – भजन (Bhagwan Mere Bhagwan)

भगवन मेरे भगवन - भजन (Bhagwan Mere Bhagwan)

भगवन मेरे भगवन, इस मुसीबत से बचाओ भगवन, फिर किसी रूप में आओ भगवन, भगवन मेरे भगवन…..कितना ढायेगी सितम ये कुदरत, रोक अब इस पे लगाओ भगवन, फिर किसी रूप में आओ भगवन, भगवन मेरे भगवन….. सबकी आँखों में हैं ग़म के आँसू, सबके ग़म दूर भगाओ भगवन, फिर किसी रूप में आओ भगवन, भगवन … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 17 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 17)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 22)

भक्ति से भरे भाव हे हरि मेरे मन उपजाओ । सत्रहवां अध्याय कार्तिक, कृपा दृष्टि कर जाओ ॥उस समय शिवजी के गण प्रबल थे और उन्होंने जलन्धर के शुम्भ-निशुम्भ और महासुर कालनेमि आदि को पराजित कर दिया। यह देख कर सागर पुत्र जलंधर एक विशाल रथ पर चढ़कर – जिस पर लम्बी पताका लगी हुई … Read more

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥ नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥ चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं … Read more

विन्ध्येश्वरी चालीसा (Vindhyeshvari Chalisa)

विन्ध्येश्वरी चालीसा (Vindhyeshvari Chalisa)

॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब । सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥ सिंहवाहिनी जै जगमाता । जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता ॥ कष्ट निवारण जै जगदेवी । जै जै सन्त असुर सुर सेवी ॥ महिमा अमित अपार तुम्हारी । शेष सहस … Read more

माँ सरस्वती जी – आरती (Maa Saraswati Ji)

माँ सरस्वती जी - आरती (Maa Saraswati Ji)

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ जय जय सरस्वती माता…॥चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ देवी शरण … Read more

प्रभु के लिए 1 लाख रुपये की माला – प्रेरक कहानी (Prabhu Ke Liye Ek Lac Ki Mala)

आंवला नवमी पर राधा पद दर्शन (Radha Pada Darshan on Amla Navami)

कथा उस समय की है जब मुग़ल शासन था। एक पुजारीजी रोज ठाकुरजी के लिए फूल लेकर आते थे और उसके बाद फूलों से माला बनाते थे। और ठाकुर जी को अर्पण करते थे। एक दिन पुजारीजी फूल लेने आये तभी एक गुलाम भी फूल लेने आया तब तक फूल सारे बिक गये। बस एक … Read more

घटस्थापना 2024 (Ghatasthapana 2024)

घटस्थापना मंगलवार, 3 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। यह 9-दिवसीय नवरात्रि उत्सव के दौरान पालन की जाने वाली एक रस्म है। घटस्थापना अनुष्ठान त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है। घटस्थापना शुभ मुहूर्त शारदीय नवरात्रि घटस्थापना 3अक्टूबर 2024 है❀ आश्विन घटस्थापना बृहस्पतिवार, अक्टूबर 3, 2024 को घटस्थापना मुहूर्त – 06:15 ए एम से 07:22 ए एम … Read more

मत रोवै ए धौली धौली गाँ – भजन (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवै ए धौली धौली गाँ - भजन (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय, दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी, मत रोवे ऐ धौली धौली गाय, दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी, मैं तो एकली खड़ी बण में, आज मेरा कोई नहीं धणी, दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।मैं तो वृन्दावन में जाया करती, मैं तो हरी हरी दूब चरा करती, मैं … Read more