वेंकटाचल निलयं (Venkatachala Nilayam)

वेंकटाचल निलयं (Venkatachala Nilayam)

वेंकटाचल* निलयं वैकुण्ठ पुरवासं पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपंवेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपं अम्बुजोद्भव विनुतं अगणित गुण नामं तुम्बुरु नारद गानविलोलं वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपं मकर कुण्डलधर मदनगोपलं भक्त पोषक श्री पुरन्दर विठलं वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं … Read more

वैष्णो चालीसा (Vaishno Chalisha)

वैष्णो चालीसा (Vaishno Chalisha)

वैष्णो चालीसा एक भक्ति गीत है जो वैष्णो माता पर आधारित है। ॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी,त्रिकुटा पर्वत धाम। काली, लक्ष्मी, सरस्वती,शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी।कलि काल मे शुभ कल्याणी॥ मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी।पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है।रत्नाकर घर जन्म लियो है॥ करी … Read more

आरती: ॐ जय महावीर प्रभु (Om Jai Mahavir Prabhu)

आरती: ॐ जय महावीर प्रभु (Om Jai Mahavir Prabhu)

ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर अवतारी, चांदनपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभु ॥सिध्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी । बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तप धारी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी । माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ जग में पाठ अहिंसा, … Read more

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

एक दिन मंगलवार की सुबह वॉक करके रोड़ पर बैठा हुआ था,हल्की हवा और सुबह का सुहाना मौसम बहुत ही अच्छा लग रहा था,तभी वहाँ एक मरसीडीज़ कार आकर रूकी, और उसमें से एक वृद्ध उतरे,अमीरी उसके लिबाजऔर व्यक्तित्व दोनों बयां कर रहे थे।वे एक पॉलीथिन बैग ले कर मुझसे कुछेक दूर ही एक सीमेंट … Read more

नवरात्रि व्रत के भोजन और लाभ (Navratri Vrat Foods and Benefits)

नवरात्रि व्रत के भोजन और लाभ (Navratri Vrat Foods and Benefits)

नवरात्रि का पवित्र त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है। यह हिन्दू धर्म का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। चैत्र नवरात्रि 9th अप्रैल से शुरू हो रही है और 17th अप्रैल 2024 तक चलेगी। यदि आप नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक उपवास करने की सोच रहे हैं, तो यहां कुछ स्नैक्स, फल और खाद्य … Read more

छठ पूजा: जय छठी मैया (Chhath Puja: Jai Chhathi Maiya)

छठ पूजा: जय छठी मैया (Chhath Puja: Jai Chhathi Maiya)

सबे वरत करत, ऐ धनी तुहूं कर, मर जनी मन आशो, भाऊजी कोशी भर, रुका देवारू दौरा सरिया लि, की चला भाऊजी हाली हाली, सुरुज देखहिहें लाली, की चल धनी हाली हाली, सुरुज देखहिहें लाली।पेन्ही ला पियारिया, बनही ला पगड़िया, दौरा सजल बा कर, चला के तैयरिया, उखिया तू लैला हाथे, तुहूं चला साथे-साथे, तेवारी … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 16)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 21)

सुनो लगाकर मन सभी, संकट सब मिट जायें । कार्तिक माहात्म का `कमल`, पढो़ सोलहवां अध्याय ॥राजा पृथु ने कहा: हे नारद जी! ये तो आपने भगवान शिव की बडी़ विचित्र कथा सुनाई है। अब कृपा करके आप यह बताइये कि उस समय राहु उस पुरूष से छूटकर कहां गया? नारद जी बोले उससे छूटने … Read more

श्री शिवमङ्गलाष्टकम् (Shiv Mangalashtakam)

भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने । कालकालाय रुद्राय नीलग्रीवाय मङ्गलम् ॥ १ ॥वृषारूढाय भीमाय व्याघ्रचर्माम्बराय च । पशूनां पतये तुभ्यं गौरीकान्ताय मङ्गलम् ॥ २ ॥ भस्मोद्धूलितदेहाय व्यालयज्ञोपवीतिने । रुद्राक्षमालाभूषाय व्योमकेशाय मङ्गलम् ॥ ३ ॥ सूर्यचन्द्राग्निनेत्राय नमः कैलासवासिने । सच्चिदानन्दरूपाय प्रमथेशाय मङ्गलम् ॥ ४ ॥ मृत्युंजयाय सांबाय सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे । त्र्यंबकाय सुशान्ताय त्रिलोकेशाय मङ्गलम् ॥ ५ ॥ गंगाधराय … Read more

माँ काली चालीसा – अरि मद मान मिटावन हारी (Kali Chalisa – Arimad Man Mitawan Hari)

माँ काली चालीसा - अरि मद मान मिटावन हारी (Kali Chalisa - Arimad Man Mitawan Hari)

॥दोहा॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार । महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥॥ चौपाई ॥ अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता ॥ भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै ॥ दूजे हाथ लिए मधु प्याला । … Read more

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki)

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki)

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला । श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला । गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली । लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र … Read more