भौम प्रदोष व्रत कथा (Bhaum Pradosh Vrat Katha)

भौम प्रदोष व्रत कथा (Bhaum Pradosh Vrat Katha)

श्री गणेश आरती जो प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है वह प्रदोष भौम प्रदोष व्रत या मंगल प्रदोष व्रत कहलाता है। इसकी कथा इस प्रकार है..एक समय की बात है। एक नगर में एक वृद्धा रहती थी। उसका एक ही पुत्र था। वृद्धा की हनुमानजी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक … Read more

प्रज्ञानं ब्रह्म महावाक्य (Prajnanam Brahma)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

प्रज्ञानं ब्रह्म जिसका शाब्दिक अर्थ है ज्ञान ही ब्रह्म है। यह भारत के पुरातन हिंदू शास्त्र ‘ऋग्वेद’ का ‘महावाक्य’ है चार वेदों में एक-एक महावाक्य का उल्लेख किया गया है।वह ज्ञान-स्वरूप ब्रह्म जानने योग्य है और ज्ञान गम्यता से परे भी है। वह विशुद्ध-रूप, बुद्धि-रूप, मुक्त-रूप और अविनाशी रूप है। वही सत्य, ज्ञान और सच्चिदानन्द-स्वरूप … Read more

परशुराम चालीसा (Parshuram Chalisa)

परशुराम चालीसा (Parshuram Chalisa)

परशुराम चालीसा श्री परशुराम पर आधारित एक भक्ति गीत है। कई लोगों ने श्री परशुराम को समर्पित त्योहारों पर परशुराम चालीसा का पाठ किया। ॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि,निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा,गहि आशिष त्रिपुरारि॥ बुद्धिहीन जन जानिये,अवगुणों का भण्डार। बरणों परशुराम सुयश,निज मति के अनुसार॥ ॥ चौपाई ॥ जय … Read more

श्रीदेवीजी की आरती – जगजननी जय! जय (Shri Deviji Ki Aarti – Jaijanani Jai Jai)

श्रीदेवीजी की आरती - जगजननी जय! जय (Shri Deviji Ki Aarti - Jaijanani Jai Jai)

जगजननी जय! जय!! माँ! जगजननी जय! जय!! भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय! जय ॥ जगजननी जय जय..॥तू ही सत-चित-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा । सत्य सनातन सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा ॥ जगजननी जय जय..॥ आदि अनादि अनामय, अविचल अविनाशी । अमल अनन्त अगोचर, अज आनँदराशी ॥ जगजननी जय जय..॥ अविकारी, अघहारी, अकल, कलाधारी । कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि, … Read more

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है – प्रेरक कहानी (Ishwar Ne Mere Bhagya Me Kya Likha Hai)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

दूसरों के पीछे मत भागो? एक बार स्वामी विवेकानद जी अपने आश्रम में एक छोटे पालतू कुत्ते के साथ टहल रहे थे। तभी अचानक एक युवक उनके आश्रम में आया और उनके पैरों में झुक गया और कहने लगा- स्वामीजी मैं अपनी जिंदगी से बड़ा परेशान हूँ। मैं प्रतिदिन पुरुषार्थ करता हूँ लेकिन आज तक … Read more

बुढ़वा मंगल विशेष 2024 (Budhwa Mangal Specials)

बुढ़वा मंगल विशेष 2024 (Budhwa Mangal Specials)

भादौं माह के अंतिम मंगलवार को माए जाने वाला त्यौहार बुढ़वा मंगल, मध्य उत्तर प्रदेश अर्थात व्रज मंडल में हनुमान जी का सबसे प्रसिद्ध उत्सव है। इस पर्व की महत्ता इतनी अधिक है कि स्थानीय लोग हनुमान जयंती से भी अधिक भव्य इस त्यौहार को मानते हैं। इस वर्ष बुढ़वा मंगल एवं राधाष्टमी दोनों ही … Read more

छठ पूजा: छठि मैया बुलाए – छठ पूजा गीत (Chhathi Maiya Bulaye)

छठ पूजा: छठि मैया बुलाए - छठ पूजा गीत (Chhathi Maiya Bulaye)

बन परदेशिया जे गइल शहर तू बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू उहे घरवा उहे गलिया पुकारे छठि मैया रास्ता निहारे जय हो छठि मैया बुलावे छठि मैयाअंगना में जीजी संग मौसी छठि माई के गीत गाए छठि माई के गीत गाए अंगना में जीजी संग मौसी छठि माई के गीत गाए छठि … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 13 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 13)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15)

कार्तिक कथा को सुनो, सभी सहज मन लाय । तेरहवाँ अध्याय लिखूँ, श्री प्रभु शरण में आय ॥दोनो ओर से गदाओं, बाणों और शूलों आदि का भीषण प्रहार हुआ। दैत्यों के तीक्ष्ण प्रहारों से व्याकुल देवता इधर-उधर भागने लगे तब देवताओं को इस प्रकार भयभीत हुआ देख गरुड़ पर चढ़े भगवान युद्ध में आगे बढ़े … Read more

ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तम् (Rigvedoktam Devisuktam)

ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तम् (Rigvedoktam Devisuktam)

॥ विनियोगः ॥ ॐ अहमित्यष्टर्चस्य सूक्तस्य वागाम्भृणी ऋषिः, सच्चित्सुखात्मकः सर्वगतः परमात्मा देवता, द्वितीयाया ॠचो जगती, शिष्टानां त्रिष्टुप् छन्दः, देवीमाहात्म्यपाठे विनियोगः।*॥ ध्यानम् ॥ ॐ सिंहस्था शशिशेखरा मरकतप्रख्यैश्चतुर्भिर्भुजैः शङ्खं चक्रधनुःशरांश्च दधती नेत्रैस्त्रिभिः शोभिता। आमुक्ताङ्गदहारकङ्कणरणत्काञ्चीरणन्नूपुरा दुर्गा दुर्गतिहारिणी भवतु नो रत्नोल्लसत्कुण्डला॥* ॥ देवीसूक्तम्* ॥ ॐ अहं रुद्रेभिर्वसुभिश्चराम्यहमादित्यैरुत विश्वदेवैः। अहं मित्रावरुणोभा बिभर्म्यहमिन्द्राग्नी अहमश्विनोभा॥1॥ अहं सोममाहनसं बिभर्म्यहं त्वष्टारमुत पूषणं भगम्। अहं … Read more

राधा चालीसा (Radha Chalisa)

राधा चालीसा (Radha Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिया सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय वृषभान कुँवरी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिनि श्याम अधारा । अमित मोद मंगल दातारा ॥ रास विलासिनि रस … Read more