रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa)
॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद नमन करि,गिरा गनेश मनाय । कथूं रामदेव विमल यश,सुने पाप विनशाय ॥ द्वार केश से आय कर,लिया मनुज अवतार । अजमल गेह बधावणा,जग में जय जयकार ॥॥ चौपाई ॥ जय जय रामदेव सुर राया।अजमल पुत्र अनोखी माया॥ विष्णु रूप सुर नर के स्वामी।परम प्रतापी अन्तर्यामी॥ ले अवतार अवनि पर … Read more