नमस्ते और नमस्कार मे क्या अंतर है? (Namaste Aur Namaskar Me Kya Antar Hai?)

नमस्ते और नमस्कार मे क्या अंतर है? (Namaste Aur Namaskar Me Kya Antar Hai?)

नमस्कार और नमस्ते, एक जैसे अर्थ वाले दो शब्द हैं। लेकिन अगर इनकी गहराई में जाया जाए तो दोनों में अंतर बहुत ही सूक्ष्म है। परंतु आज किसी के पास इतना समय कहाँ कि इतनी गहराई मे जाकर इसके बारे मे सोचें।तिवारी जी, उत्तर प्रदेश के एक कसबे के 12वीं तक के स्कूल में रसायन … Read more

श्रावण मास 2024 (Shravan Maas 2024)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

श्रावण मास हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है। श्रावण का महीना पूरे भारतियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से हुआ है। कई हिंदुओं के लिए श्रावण का महीना उपवास का महीना होता है और कई हिंदू हर सोमवार को भगवान शिव और हर मंगलवार को देवी पार्वती का उपवास … Read more

नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा – भजन (Natvar Nagar Nanda Bhajo Re Mann Govinda)

नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा - भजन (Natvar Nagar Nanda Bhajo Re Mann Govinda)

नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा, श्याम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविंदा, श्याम सुंदर मुख चंदा ॥तू ही नटवर तू ही नागर, तू ही नटवर तू ही नागर, तू ही बालमुकुन्दा, भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविंदा, श्याम सुंदर मुख … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 5 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 5)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15)

प्रभु मुझे सहारा है तेरा, जग के पालनहार । कार्तिक मास माहात्म की, कथा करूँ विस्तार ॥राजा पृथु बोले: हे नारद जी! आपने कार्तिक मास में स्नान का फल कहा, अब अन्य मासों में विधिपूर्वक स्नान करने की विधि, नियम और उद्यापन की विधि भी बतलाइये। देवर्षि नारद ने कहा: हे राजन्! आप भगवान विष्णु … Read more

श्री तुलसी स्तुति (Shri Tulsi Stuti)

श्री तुलसी स्तुति (Shri Tulsi Stuti)

तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे । नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥ १॥मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि । आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ २॥ यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः । यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ ३॥ अमृतां सर्वकल्याणीं शोकसन्तापनाशिनीम् । आधिव्याधिहरीं नॄणां तुलसि त्वां नम्राम्यहम् ॥ ४॥ देवैस्त्चं निर्मिता पूर्वं अर्चितासि मुनीश्वरैः । नमो नमस्ते तुलसि पापं … Read more

आरती: श्री बाल कृष्ण जी (Aarti: Shri Bal Krishna Ki Keejen)

आरती: श्री बाल कृष्ण जी (Aarti: Shri Bal Krishna Ki Keejen)

श्री कृष्ण जन्माष्टमी मे इस आरती का बड़ा ही महत्व है…आरती बाल कृष्ण की कीजै, अपना जन्म सफल कर लीजै ॥ श्री यशोदा का परम दुलारा, बाबा के अँखियन का तारा । गोपियन के प्राणन से प्यारा, इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥ ॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥ बलदाऊ के छोटे भैया, कनुआ कहि कहि … Read more

श्री राधा नाम की कीमत – प्रेरक कहानी (Shri Radha Naam Ki Keemat)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

श्री राधा रानी के एक बार नाम लेने की कीमत? एक बार एक व्यक्ति था। वह एक संत जी के पास गया। और कहता है कि संत जी, मेरा एक बेटा है। वो न तो पूजा पाठ करता है और न ही भगवान का नाम लेता है। आप कुछ ऐसा कीजिये कि उसका मन भगवान … Read more

मेरी लाडली हैं – भजन (Meri Ladli Hai)

मेरी लाडली हैं - भजन (Meri Ladli Hai)

मेरी लाडली है छोड़ दुनिया को भूल बनु चरनो की धुल। छोड़ दुनिया को भूल बनु चरनो की धुल राधा आने वाली हैं बरसाने वाली ये मेरी लाडली हैं राधा आने वाली हैं बरसाने वाली ये मेरी लाडली हैं ॥राधे श्याम का प्यार निराला जो पूजे वो किस्मत वाला राधे श्याम का प्यार निराला जो … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 6)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12)

नारद जी बोले: जब दो घड़ी रात बाकी रहे तब तुलसी की मृत्तिका, वस्त्र और कलश लेकर जलाशय पर जाये। कार्तिक में जहां कहीं भी प्रत्येक जलाशय के जल में स्नान करना चाहिए। गरम जल की अपेक्षा ठण्डे जल में स्नान करने से दस गुना पुण्य होता है। उससे सौ गुना पुण्य बाहरी कुएं के … Read more

कारण षटकम् (Kaaran Shatakam)

कारण षटकम्  (Kaaran Shatakam)

मम जीवनस्य जीवनम् उद्भाषितं नित्यशोभनम् त्वमेव देवं त्वमेव सर्वम् हृदि स्थिते सदा धारणम् हे कृष्ण हे माधव हे देव त्वम् सर्व कारणस्य कारणम् ॥ १॥ मम हृदयस्य हृदयम् सत्भाषितं नित्य सदयम् त्वमेव पूर्णं त्वमेव स्वर्णम् प्रेमम् आनंदं अद्भुदयम् हे कृष्ण हे माधव हे देव त्वम् सर्व कारणस्य कारणम् ॥ २ ॥ मम विचारस्य विचारम् सद्भाव … Read more