सेवा में दादी थारी,
मैं तो रम जाऊं माँ,
थे जइयाँ म्हणे बनाओगा,
वइयाँ बन जाऊं माँ,
सेवा मे दादी थारी ॥थे हुक्म करो तो दादी जी,
कोयल बन जाऊं मैं,
कोयल बन जाऊं मैं,
मैं कुहू कुहू करके,
थने रोज जगाऊँ माँ,
थे जइयाँ म्हणे बनाओगा,
वइयाँ बन जाऊं माँ,
सेवा मे दादी थारी ॥
मैं तो रम जाऊं माँ,
थे जइयाँ म्हणे बनाओगा,
वइयाँ बन जाऊं माँ,
सेवा मे दादी थारी ॥थे हुक्म करो तो दादी जी,
कोयल बन जाऊं मैं,
कोयल बन जाऊं मैं,
मैं कुहू कुहू करके,
थने रोज जगाऊँ माँ,
थे जइयाँ म्हणे बनाओगा,
वइयाँ बन जाऊं माँ,
सेवा मे दादी थारी ॥
थे कहो तो दादी जी,
तितली बन जाऊं मैं,
तितली बन जाऊं मैं,
थारे मंदिरिये में मैया,
हर दम मँडराऊ माँ,
थे जइयाँ म्हणे बनाओगा,
वइयाँ बन जाऊं माँ,
सेवा मे दादी थारी ॥
थारी मर्जी हो तो दादीजी,
थारो सिंह बन जाऊं मैं,
थारो सिंह बन जाऊं मैं,
मैं बिठा पीठ पर मेरी,
थाने सेर कराऊँ माँ,
थे जइयाँ म्हणे बनाओगा,
वइयाँ बन जाऊं माँ,
सेवा मे दादी थारी ॥
थे बोलो तो दादी जी,
परदो बन जाऊं मैं,
परदो बन जाऊं मैं,
कवे ‘हर्ष’ भवानी हरपल,
थारा दर्शन पाऊं माँ,
थे जइयाँ म्हणे बनाओगा,
वइयाँ बन जाऊं माँ,
सेवा मे दादी थारी ॥
सेवा में दादी थारी,
मैं तो रम जाऊं माँ,
थे जइयाँ म्हणे बनाओगा,
वइयाँ बन जाऊं माँ,
सेवा मे दादी थारी ॥
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