सर पे चुनरिया लाल, और हाथों में मेहंदी रचाई है: भजन (Sar Pe Chunariya Lal Aur Hatho Mein Mehandi Rachai Hai)

सर पे चुनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
भक्तो के घर माँ आई है,
सर पे चूनरिया लाल,
सर पे चूनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
भक्तो के घर माँ आई है,
सर पे चूनरिया लाल ॥मेरे घर आँगन में,
मैया पधारी है,
मेरी तो मौज है,
मैया को पा करके,
ऐसा लगा जैसे,
दिवाली रोज है,
प्यार का उपहार,
प्यार का उपहार,
भक्तो के लिए माँ लाइ है,
भक्तो के घर माँ आई है,
सर पे चूनरिया लाल ॥

भूलकर सारी,
दुःख और तकलीफें,
मैया का ध्यान धरो,
ठाठ कर देगी,
गर मान जाएगी,
जरा गुणगान करो,
मैया के दरबार,
मैया के दरबार,
में होती सबकी सुनवाई है,
भक्तो के घर माँ आई है,
सर पे चूनरिया लाल ॥

कर दो दया इतनी,
जब भी बुलाऊँ मैं,
लगे तू पास है,
‘शिवम’ तेरा मेरा,
नाता पुराना है,
ये रिश्ता खास है,
रखकर के विश्वास,
रखकर के विश्वास जिसने,
माँ की ज्योत जगाई है,
भक्तो के घर माँ आई है,
सर पे चूनरिया लाल ॥

सर पे चुनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
भक्तो के घर माँ आई है,
सर पे चूनरिया लाल,
सर पे चूनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
भक्तो के घर माँ आई है,
सर पे चूनरिया लाल ॥

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