हर शिव मंदिर में नंदी होते हैं बाहर
जहां भी शिव का धाम या मंदिर होता है, वहां नंदी हमेशा शिवालय के बाहर विराजित होते हैं। दरअसल नंदी, भगवान शिव के वाहन ही नहीं द्वारपाल भी हैं।
पहलगाम में होता है यात्रा का पहला पड़ाव
अमरनाथ यात्रा के लिए जाते समय, जब यात्रियों का जत्था श्रीनगर से रवाना होता है तो पहला पड़ाव कश्मीर के पहलगाम में डालता है। पहलगाम ही वह स्थान है, जहां भगवान शिव ने नंदी को छोड़ा था।
आगे इतनी दूर बचती है दिव्य गुफा
पहलगाम पर पहला पड़ाव डालने के बाद यात्रियों को करीब 96 किलोमीटर की यात्रा के लिए खुद को तैयार करना होता है। पहलगाम से अमरनाथ गुफा की दूरी इतनी ही है। इस तरह पहलगाम को अमरनाथ यात्रा का द्वार भी कह सकते हैं क्योकि शिव के द्वारपाल यहां विराजते हैं।
यह है इस बात का प्रतीक
अमरनाथ गुफा, अमरता और मोक्ष का द्वार है। पहलागम पहुंचने पर पहला पड़ाव डालना, आज भले ही यात्रा की सुगमता के लिहाज से किया जाता हो लेकिन आध्यात्मिक रूप से यह इस बात का प्रतीक है कि मोक्ष की राह पर चलते समय अपने सभी सुखों और साधनों का त्याग करना होता है।
कितनी पुरानी है अमरनाथ गुफा
विशेषज्ञ अमरनाथ की गुफा को करीब 5000 साल पुराना बताते हैं। यह बात आज भी रहस्य और जिज्ञासा का विषय है कि जब गुफा के अंदर बिखरा पड़ा हुआ बर्फ कच्चा होता है तो शिवलिंग का वर्फ इतना ठोस कैसे हो जाता है!