वास्‍तु : घर में बना बेसमेंट खड़ी कर सकता है तमाम मुसीबतें

इन दिक्‍कतों से होती है शुरुआत

वास्‍तु के अनुसार अगर किसी के घर में बेसमेंट बना है तो यह तमाम तरह की दिक्‍कतों को जन्‍म देता है। हालांकि शुरुआत में इसके लक्षण कुछ ऐसे होते हैं जो कि रूटीन लाइफ में भागदौड़ के चलते महसूस होते हैं । लेकिन धीरे-धीरे ये परेशानियां बढ़ाते जाते हैं। ऐस्‍ट्रॉलजर प्रमोद पांडेय के मुताबिक बेसमेंट तमाम तरह की आशंकाओं और डर को जन्‍म देता है। इससे घर में रहने वाले लोगों के मन में धीरे-धीरे हर बात को लेकर निगेटिव‍िटी बढ़ती ही जाती है।

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इन दिशाओं में हो घर तो अवॉयड करें बेसमेंट

वास्‍तु के मुताबिक यूं तो बेसमेंट बनवाना अवॉयड करना चाहिए। लेकिन जरूरी हो तो कुछ द‍िशाओं का ख्‍याल रखना चाहिए। वास्‍तु कहता है कि अगर आपका घर नैऋत्य, दक्षिण, पश्चिम और आग्नेय दिशा में है तो बेसमेंट बनवाना अवॉयड करें। लेकिन अगर पहले से ही आपने बनवा ही रखा है। तो ख्‍याल रखें कि बेसमेंट का यूज कभी भी बतौर गैराज या फिर भारी सामान रखने के लिए हरगिज न करें।

बेसमेंट बनवाने से पहले यह भी देख लें

वास्‍तु शास्‍त्र कहता है अगर घर में बेसमेंट बनवाना जरूरी ही हो तो इसे वास्‍तु व‍िशेषज्ञ की सलाह पर बनवाएं। लेकिन ध्‍यान रखें कि अगर बेसमेंट बना ही है तो उसे तुड़वाने से बचें। साथ ही उसमें रोशनदान या ख‍िड़की बनवाने का भी प्रयास न करें। वास्‍तु के मुताबिक पहले से बनें बेसमेंट को तुड़वाने से भी बचना चाहिए। यानी कि जैसा है उसे वैसा ही पड़ा रहने दें। किसी तरह की छेड़खानी न करें। अन्‍यथा ये और भी बड़ी मुसीबतें खड़ी कर सकता है।

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इस आकार में तो हरगिज न बनवाएं बेसमेंट

वास्‍तु शास्‍त्र के मुताबिक बेसमेंट बनवाते समय उसके आकार का भी ख्‍याल रखना चाहिए। कहा जाता है कि बेसमेंट कभी भी चूल्‍हे के आकार का नहीं होना चाहिए। इससे घर-परिवार में रहने वाले लोगों की लाइफ में गाहे-बगाहे टेंशन लगी ही रहती है। वास्‍तु कहता है कि तहखाना अंधेरे का प्रतीक होता है। यही वजह है कि यह घर की सकारात्‍मक ऊर्जा को नष्‍ट कर देता है। इससे तमाम तरह की दिक्‍कतें लगी रहती हैं।

इन्‍हें भूले से भी न करें अवॉयड

वास्‍तु शास्‍त्र कहता है कि अगर बेसमेंट बनवानी जरूरी है तो ध्‍यान रखें कि इसे रोड लेवल से ऊपर रखें। बेसमेंट पूर्व, उत्‍तर-पूर्व और उत्‍तर दिशा में ही बनवाएं। बेसमेंट का एंट्री गेट उत्तर-पूर्वी दि‍शा में रखें। दक्षिण-पश्चिमी दिशा का प्रयोग भारी सामान के स्‍टोरेज के लिए, उत्तर- पश्चि‍मी और दक्षि‍ण-पश्चि‍मी भाग का प्रयोग नौकरों के रहने या फिर कार पार्किंग के लि‍ए इस्‍तेमाल करें।

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