वक्त बड़ा बलवान है

माटी कहे कुम्हार से तू क्या रौंदे मोए
इक दिन ऐसा आयेगा मैं रौंदूंगी तोए।।

ये बहुत पुरानी पंक्तियां संत कबीर दास ने कही थीं। और उन्होंने कितनी सही बात कही थी, यह सभी समझ गए होंगे। मगर जीवन में इस विचार को अपनाते बहुत कम लोग हैं।

आज जिसे देखो अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करता है, चाहे छोटा हो या बड़ा। जहां थोड़ी सी पावर आई नहीं कि उसका गलत इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। लेकिन यह नहीं सोचते की वक़्त बदलेगा और वे भी किसी के द्वारा दबाये और शोषित किये जा सकते हैं। वह समय ऐसा भी हो सकता है जब आपके बुरे समय में आपके अच्छे कर्मों को कोई याद ना रखे और सिर्फ आपकी गलतियों को ही याद रखें। ऐसे में कोई भी आपका साथ देने वाला नहीं होगा।

इसे हर व्यक्ति को सोचना चाहिए- पति, पुलिस, राज नेता, सरकारी अफसर वगैरह-वगैरह। एक अच्छा देश तभी बनता है जब समाज अच्छा हो, और समाज तब अच्छा होता है जब समाज का हर व्यक्ति सोचने-विचारने की शक्ति रखता हो। इसलिए कबीर जैसे महान व्यक्तित्व के लोगों के विचारों को समय समय पर खंगालना ज़रूरी है, शायद हमें कुछ अक्ल आ जाए।

– speakingtree.com पर हिमांशु वर्मा के ब्लॉग से साभार।