लोहड़ी के साथ आज गुरु गोबिंद सिंह की जयंती, गुरु के ये संदेश हमेशा आएंगे काम

पंजाबियों का पर्व लोहड़ी के साथ-साथ आज गुरु गोबिंद सिंह की भी जयंती है। गुरु गोबिंद सिंह जयंती को प्रकाश उत्सव दसवें बादशाह भी कहा जाता है। पटना में सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर सन् 1666 को हुआ था। इन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की और गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया। सिख गुरु गोविंद सिंह की जयंती को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन और लंगर का आयोजन किया जाता है। गुरु की जयंती पर याद कीजिए गुरु के संदेश और दोस्तों को भी बताएं।

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1- शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना
खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने और घुड़सवारी की प्रैक्टिस जरूर करें। आज के संदर्भ में नियमित व्यायाम, साफ प्रवृति और नियम पालन का ध्यान रखना है जरूरी।

2- बचन करकै पालना
अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करें। आपने जिस भी किसी से भी कोई वादा किया है उसको हर हाल में पूरा करें चाहे इसके लिए अपना बलिदान ही क्यों ना करना पड़े।

3- किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना
अपने जीवनकाल में कभी किसी की चुगली-निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने की बजाय मेहनत करें। चुगली-निंदा और ईर्ष्या से समय और शक्ति दोनों का नुकसान होता है, मिलता कुछ भी नहीं है।

4- जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना
किसी भी तरह के नशे और तंबाकू का सेवन न करें। नशा और तंबाकू से हमेशा आपके स्वास्थ्य और धन का नुकसान होगा। तांबाकू सेवन को तो गुरु ने सख्त मना किया है।

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5- परदेसी, लोरवान, दुखी, अपंग, मानुख दि यथाशक्त सेवा करनी
किसी भी विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता जरूर करें। ऐसा करने से आपके मन में अंदरूनी खुशी मिलेगी, इससे आपको मानिसक शांति मिलेगी।

6- दुश्मन नाल साम, दाम, भेद, आदिक उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध करना
दुश्मन से लड़ने से पहले हमेशा ध्यान रखना होगा कि आप पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें। सही रणनीति से ही आप युद्ध में जीत हासिल कर सकते हैं। यह बातें केवल जंग के मैदान के लिए ही नहीं है बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लिए है।

7- धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना
जवानी, जाति और धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें। अभिमानी होने से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं और एक दिन बड़ी असफलता उसके हाथ लगती है। गुरु ने ऐसा इसलिए कहा है कि धर्म, जाति और जवानी किसी की हमेशा एक नहीं रहती। क्या पता अगले जन्म में आप क्यों हों और इससे पहले क्या रहे हों।

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8- कम करन विच दरीदार नहीं करना
हमेशा काम में मेहनत करनी चाहिए और काम को लेकर कभी कोताही या आलस्यपन नहीं करना चाहिए। जब आप मेहनत करेंगे तभी आपको सफलता मिलेगी अन्यथा बिना मेहनत के आपके हाथ हमेशा खाली रहेंगे। गुरु ने कहा है कि जमकर मेहनत करो, जो मेहनत करेगा वह सफल जरूर होगा।

9- धरम दी किरत करनी
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं।

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