रोये जो श्याम का प्रेमी, उसे श्याम ही धीर बँधाए: भजन (Roye Jo Shyam Ka Premi,Use Shyam Hi Dhir Bandhaye)

रोये जो श्याम का प्रेमी,
उसे श्याम ही धीर बँधाए,
जिसे सांवरिया ही रुलाए,
उसे कौन कौन हंसाए,
उसे कौन कौन हंसाए ॥दौलत शोहरत मत मांगो,
बस मांगो साथ प्रभु का,
कैसी भी कोई घडी हो,
हो सर पे हाथ प्रभु का,
जो प्रेमी राह से भटके,
प्रभु मंजिल तक पहुंचाए,
जो प्रभु से हाथ छुड़ाए,
उसे कौन चलाए,
रोए जो श्याम का प्रेमी ॥

सुख दुःख आते जाते है,
ये खेल है इस जीवन का,
कर्मो की बात है प्यारे,
ये मौका प्रभु सुमिरन का,
जो भाव भजन में डूबे,
उन्हें सत्संग पार लगाए,
जो सत्संग में इतराए,
उन्हें कौन बचाए,
रोए जो श्याम का प्रेमी ॥

जो शरणागत हो जाता,
उसे सांवरा गले लगाए,
‘रोमी’ के हर संकट में,
ये मोरछड़ी लहराए,
जो हार के दर पे आए,
सांवरिया जीत दिलाए,
सांवरिया जिसको हराए,
उसे कौन जिताए,
रोए जो श्याम का प्रेमी ॥

रोये जो श्याम का प्रेमी,
उसे श्याम ही धीर बँधाए,
जिसे सांवरिया ही रुलाए,
उसे कौन कौन हंसाए,
उसे कौन कौन हंसाए ॥