रूमी की राह पर

सन 1207 में ईरान की धरती पर पैदा हुए मौलाना रूमी को दुनिया बड़े सूफी के तौर पर जानती और मानती है। उनका कहना था कि ईश्वर या खुद की खोज में दर-दर भटकने के बजाय अपने भीतर ही उसकी खोज करनी चाहिए। पेश हैं रूमी की चंद लाइनें, जो आपको जिंदगी के सही मायने जानने में काफी मददगार होंगी।

•अहंकार मनुष्य और प्रभु के बीच में सबसे बड़ा और घना पर्दा है ।

•दरवाजे पर दस्तक दो तो सही, फिर देखो वह दरवाजा अपने आप खोल देगा।

•मिट जाओ और वह तुम्हें सूर्य जैसा प्रकाशित कर देगा।

•गिर जाओ और वह तुम्हें स्वर्गों तक उठा देगा।

• ना कुछ हो जाओ और वो तुम्हें सबकुछ बना देगा।

•तू जो प्रार्थना कर रहा है मजदूरी की शर्त पे -यह बंद कर दे। अल्लाह को पता है कि ये दुनिया कैसे चलानी है।