राधाष्टमी पर बरसाना जाएं तो इनका दर्शन करना न भूलें, देवी राधा की होगी परम कृपा

राधा रानी का जन्मोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाएगा। कृष्ण जन्माष्टमी से ठीक 15 दिन बाद राधाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार राधा अष्टमी का पर्व 23 सितंबर शनिवार के दिन मनाया जाएगा। ऐसे में यदि आप बरसाना घूमने का मन बना रहे हैं तो आपको राधा रानी के इन मंदिरों में दर्शन जरूर करके आना चाहिए। ऐसा करने से आप पर राधा रानी की कृपा हमेशा बनी रहेगी। आइए जानते हैं बरसाने में राधा रानी के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में।

ललिता मंदिर बरसाना

राधा रानी का आठ सखियां थी। जिनके नाम चंद्रावली, श्यामा, शैव्या, राधा, ललिता, विशाखा, तथा भद्रा था। पौराणिक कथा के अनुसार, राधा रानी की इन आठ सखियों को अष्टसखी कहा जाता है। श्रीधाम वृंदावन में इनका मंदिर भी स्थित है। इनमें भी सबसे करीह ललित थी। ललिता मंदिर ललिता देवी को ही समर्पित हैं। यह अटोरा पर्वत नामक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि जितना राधा रानी कृष्ण से प्रेम करती थी उतना ही ललिता भी करती थी। लेकिन, उन्होंने कभी अपना प्रेम अभिव्यक्त नहीं किया। कहा जाता है। ललिता ने ही मीरा के रूप में जन्म लेकर भगवान कृष्ण की भक्ति की प्रचार प्रसार किया था। ऐसे में बरसाने जा रहे हैं तो ललिता मंदिर के दर्शन जरुर करने चाहिए। उनके दर्शन करने से आपको राधा रानी और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होगी।

राधा रानी मंदिर बरसाना

बरसाने में राधा रानी का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। बरसाने के बीचों बीच एक पहाड़ी है। जिस पर राधा रानी का यह मंदिर स्थित है। इसे राधा रानी का महल भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1675 ई में हुआ था। इसका निर्माण राजा वीर सिंह ने किया था। राधा रानी मंदिर में राधा अष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

प्रिया कुण्ड बरसाना

ऐसी मान्यता है कि इस कुंड पर राधा रानी और भगवान कृष्ण ने एक दूसरे के साथ कई लीलाएं की हैं। एक बार राधा रानी अपनी सखियों के साथ यशोदा मैया से मिलने के लिए नंदगांव आइए थी। राधा रानी की सुंदरता और उनके गुणों को देखकर यशोदा मैया ने उनके हाथ पर पीला रंग लगा दिया था। जिसे देखकर राधा रानी बहुत प्रसन्न हुई। लेकिन, जब वह अपने घर लौट रही थी तो उन्हें थोड़ा लज्जा आई तो उन्होंने इसी कुंड में अपना हाथ धोए थे। जिस वजह से कुंड का पानी पीला हो गया। इस वजह से इस कुंड लो पीली पोखर और प्रिया कुंड कहा जाता है।

मान मंदिर बरसाना

मान मंदिर बरसाना को लेकर मान्यता है कि जब राधा रानी ने एक बार मान किया था तो श्री कृष्ण ने उन्हें मनाया राधा रानी को मनाने के लिए कृष्ण जी ने कभी उनके पैरों में अपना सिर रखा कभी अलग अलग लीलाएं की तभी से यहां का नाम मानगढ़ पड़ गया। इस मंदिर को लेकर एक और मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी जोड़ा आता है। उनके बीच प्रेम काफी ज्यादा बढ़ जाता है।

कीर्ति मंदिर बरसाना

कीर्ति मंदिर राधा रानी और उनकी मां को समर्पित है। इस मंदिर का नाम भी राधा रानी की माता कीर्ति देवी के नाम पर ही है। इस मंदिर की खास बात यह है की दुनिया का यह एकलौता ऐसा मंदिर है जहां राधा रानी अपना मां की गोद में विराजमान है। मंदिर में आपको राधा रानी के जीवन से जुड़ी कई झांकियां भी देखने को मिल सकती हैं।

राधा कृष्ण बाग बरसाना

राधा बाग बरसाने में स्थित है। यह एक दर्शनीय स्थल है। यहां राधा रानी और भगवान कृष्ण ने कई लीलाएं की है। साथ ही यहां पर राधा पानी के कई भक्तों ने यहां खूब भजन किया है। यहां एक कुआं है जहां से रोजाना राधा रानी मंदिर में राधा रानी के सेवा के लिए पानी जाता है।

दोउ मिलवन बरसाना

कहा जाता है कि इस जगह पर राधा रानी और भगवान कृष्ण पहली बार मिले थे। आज भी यहां राधा रानी और भगवान कृष्ण के मौजूद होना का एहसास होता है। साथ ही यह स्थल बहुत ही लोकप्रिय और प्रसिद्ध स्थल है।