यहीं रुकी थी भोलेनाथ की बारात, मंद‍िर में लगी हर घंटी से न‍िकलती है अलग-अलग ध्‍वन‍ियां

भोले बाबा की इस मंद‍िर की कहानी है अजब

हमारे देश में भोलेनाथ के ऐसे कई मंद‍िर हैं ज‍िनकी कहान‍ियां हैरानी में डाल देती हैं। ऐसे ही एक मंद‍िर की कहानी हम यहां शेयर कर रहे हैं। हम ज‍िस मंद‍िर की बात कर रहे हैं उसे लेकर मान्‍यता है क‍ि इसी मंद‍िर में भोले बाबा की बारात रुकी थी। तो ज‍िस स्‍थान पर स्‍वयं महादेव की बारात रुकी हो वह तो व‍िलक्षण ही होगा। इस मंद‍िर की एक और बात आपको सोचने पर व‍िवश कर देगी, वह यह है क‍ि इस मंद‍िर में स्‍थाप‍ित श‍िवल‍िंग के चारों तरफ स्थित दस घंटि‍यों में से अलग-अलग ध्‍वन‍ियां आती हैं। आइए जानते हैं….

तो देवभूम‍ि में यहां स्थित है बाबा भोलेनाथ का मंद‍िर

भोलेनाथ के ज‍िस अप्रत‍िम मंद‍िर की हम बात कर रहे हैं वह उत्तराखंड के ऋषिकेश में है। इस मंद‍िर का नाम भूतनाथ मंद‍िर है। बता दें क‍ि यह मंदिर तीन तरफ से राजाजी नेशनल पार्क से घिरा हुआ है। यह मंदिर सात मंजिली इमारत है और इसकी पहली मंजिल पर भोलेनाथ से जुड़ी कथाओं का वर्णन चित्रों के माध्यम से मिलता है।

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जब भोले बाबा न‍िकले अपनी बारात लेकर

कथा म‍िलती है जब बाबा भोलेनाथ देवी सती से विवाह करने बारात लेकर निकले थे, तो उनके ससुर राजा दक्ष ने इसी भूतनाथ मंदिर में भगवान शिव को उनकी बारात के साथ ठहराया था। भगवान शिव ने अपनी बारात में शामिल सभी देव, गण, भूत और तमाम जानवरों के साथ यहीं पर रात बिताई थी।

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हर घंटी से न‍िकलती हैं अलग-अलग ध्‍वन‍ियां

भूतनाथ मंद‍िर स्थित भगवान शिवलिंग के चारों तरफ दस घंटियां लगी हुई हैं। इन दसों घंट‍ियों में से अलग-अलग ध्वनियां निकलती हैं। बता दें क‍ि अगर इन घंट‍ियों को एक साथ बजाया जाए तो भी इनसे अलग-अलग ध्‍वन‍ियां ही न‍िकलती हैं। इस बारे में काफी र‍िसर्च की गई लेक‍िन फ‍िलहाल कोई पर‍िणाम सामने नहीं आया।