यहां बैल पर विराजती हैं मां, गजब है उत्‍तराखंड के कपकोट का ईश्‍वरी भगवती माता मंदिर

सरयू के तट पर बसा है उत्‍तराखंड का खूबसूरत सा गांव पनौरा। जहां स्‍थापित है मां भगवती का एक अद्भुत मंदिर। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्‍योंकि आज तक आपने जिन मंदिरों के दर्शन किये होंगे, उनमें मातारानी सदैव शेर पर विराजमान रहती हैं। लेकिन कपकोट के पनौरा गांव में स्थित इस मंदिर की बात ही निराली है।

आदिशक्ति के रूप में होती है आराधना

पनौरा गांव में स्‍थापित ईश्‍वरी भगवती माता मंदिर की स्‍थापना आदिकाल में हुई थी। यहां पर देवी की पूजा आद‍िशक्ति के रूप में होती है। यहां माता का वाहन बैल है। मां यहां पर बैल पर विराजमान हैं। मंदिर परिसर में ही देवी सरस्‍वती और मां लक्ष्‍मी का भी मंदिर स्थित है। यहां हर साल वासंतिक और शारदीय नवरात्र में मेले का आयोजन होता है। यहां भारतवर्ष के कोने-कोने से भक्‍त मां के दर्शनों के लिए आते हैं। इसके अलावा यह भी मान्‍यता है कि ईश्‍वरी भगवती माता मंदिर में माता के सेवक नागराज वासुकी हैं। जो प्र‍तिद‍िन माता के दर्शनों के लिए भी आते हैं।

एक्‍स्‍ट्रा मैरिटल अफेयर्स को बढ़ावा देते हैं यह ग्रह-योग, ऐसे पहचानें …

खेती पर बरसती है मां की कृपा

पनौरा गांव के निवासियों का कहना है कि उनके गांव पर ईश्‍वरी भगवती देवी की कृपा बरसती है। यह उन्‍हीं की कृपा होती है कि हर साल पनौरा के खेतों में अच्‍छी फसल लहलहाती है। सावन के महीने में मां के इस मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। स्‍थानीय निवासी कदली का पौधा लगाते हैं। इसको गाय के दूध से सींचते हैं। इसके बाद भाद्रपद महीने की सप्‍तमी को इस कदली के वृक्ष को काटकर उसकी डालियों से अष्‍टमी के दिन मां की प्रतिमा बनाई जाती है। इसके बाद विशेष पूजा की जाती है।

जानें, क्‍यों शिव ने यम को बनाया अपना वाहन, नंदी से जुड़ा है यह राज?