यहां डर के मारे शनि महाराज बन गए स्त्री, आज भी स्त्री रूप में होती है पूजा

केवल और केवल इनसे डरते हैं शनि

केवल और केवल बजरंगबली ही ऐसे देवता हैं, जिसने स्वयं शनिदेव भय खाते हैं और उनका सम्मान करने के साथ ही उनके भक्तों पर भी अपना कुप्रभाव डालने से बचते हैं।

बजरंगबली के क्रोध से बचने के लिए

एक बार बजरंगबली शनिदेव पर क्रोधित हो गए। जैसे ही शनिदेव को इस बात का पता चला कि बजरंगबली क्रोधित हैं और उनसे मिलने आ रहे हैं, वह तुरंत ही बजरंगबली से मिलने दौड़े।

इसलिए क्रोधित हुए बजरंगबली

पौराणिक कथा के अनुसार, शनिदेव के कोप के कारण जनता बहुत त्रस्त थी। सभी दुखी होकर बजरंगबली के मंदिर में पहुंचे और उनसे विनती करने लगे कि वे उन्हें शनिदेव की कुदृष्टि से मुक्ति दिलाएं। अपने भक्तों को रोता हुआ और त्रस्त देखकर हनुमानजी को बहुत क्रोध आया और वह शनिदेव को दंड देने के लिए उनकी तरफ बढ़ने लगे।

शनिदेव ने भर लिया स्त्री रूप

शनिवदेव जानते हैं कि बजरंगबली बाल ब्रह्मचारी हैं और महिलाओं पर हाथ नहीं उठाते हैं, इसलिए उनके क्रोध से बचने के लिए शनिदेव ने स्त्री रूप धारण कर लिया और हनुमानजी के चरणों में जा बैठे।

शनिदेव ने की क्षमा याचना

शनिदेव ने अपने क्रोध और बजरंगबली के भक्तों को प्रताणित करने की भूल पर उनसे क्षमा मांगी। स्त्री रूप धरे और बजरंगबली के चरणों में बैठे शनिदेव की प्रतिमा गुजरात राज्य स्थित सारंगपुर के कष्टभंजन मंदिर में प्रतिष्ठित है। इस मंदिर को बहुत चमत्कारी माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि या मंगल दोष होता है, वे विशेष रूप से यहां भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। फोटो साभार: सारंगपुर मंदिर वेवसाइट