मेरे मन की प्यास बुझा दे, हे अंजनी के ललना: भजन (Mere Maan Ki Pyas Bujha De Hey Anjani Ke Lalna)

मेरे मन की प्यास बुझा दे,
हे अंजनी के ललना,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना बालाजी,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना ॥सबसे हटके है तेरी कहानियां,
करदे मुझपे भी तू मेहरबानियाँ,
पल पल बाबा मैं तुझको पुकारूँ,
दूर कर दे मेरी परेशानियां,
राम दुलारे मुझपे भी तू,
अपनी करुणा करना,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना बालाजी,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना ॥

तेरा सारी ही दुनिया पे जोर है,
करता दुखियों की तू बाबा गौर है,
तेरे करतब बड़े ही निराले,
हर युग में रहा तेरा शोर है,
संकट हारी बालाजी,
दुःख मेरे भी तू हरना,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना बालाजी,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना ॥

तेरी चर्चा है सारे जहान में,
मुझको भी तू खुशियों का दान दे,
तेरे दर पे है अर्जी लगाई,
तेरे चरणों की सौगंध है खाई,
मेरे भी सर पे तू बाबा,
हाथ दया का धरना,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना बालाजी,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना ॥

मन में तेरी ही ज्योति जगा ली,
मैंने तुझसे ही आस लगा ली,
आज मेरी भी बिगड़ी बना दो,
खड़ा दर तेरे बनके सवाली,
‘राज मेहर’ के दामन को,
खुशियों से बाबा भरना,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना बालाजी,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना ॥

मेरे मन की प्यास बुझा दे,
हे अंजनी के ललना,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना बालाजी,
चाहूँ मैं तुमसे मिलना ॥