महान लेखक शेक्‍सपियर को एक वक्‍त अपना पेट पालने के लिए करना पड़ा था यह काम

शेक्सपियर को सारा विश्व एक महान लेखक के रूप में जानता है, परंतु एक समय उन्हें पिता की खराब आर्थिक स्थिति के कारण स्कूली शिक्षा से वंचित रहना पड़ा था। इस कारण उनकी विधिवत शिक्षा नहीं हो पाई थी। यह उनके खराब दौर के शुरुआती दिन थे। पिता के निधन के पश्चात वह मजदूरी करके अपना पेट पालने लगे। संयोग से उन्हें लंदन के एक मशहूर नाटक घर में काम मिल गया। उनका काम उनकी प्रवृत्ति के विपरीत था। उन्हें अस्तबल में घोड़ों की देखरेख का कार्य सौंपा गया।

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इस नाटक कंपनी के नाटक देखते-देखते उन्हें भी नाटक लिखने की प्रेरणा मिली ताकि वह भी अन्य नाटककारों की तरह नाम सम्मान कमा सकें। अब उन्होंने काम के साथ-साथ लिखना-पढ़ना भी शुरू कर दिया। उनकी पढ़ने में गहन रुचि देखकर उस नाटक कंपनी में उन्हें प्रसिद्ध नाटककारों की रचनाओं की प्रतिलिपि बनाने का कार्य सौंपा गया। अपना यह कार्य वह पूर्ण मनोयोग से करने लगे। उन्हें अब स्वयं का नाटक लिखने की प्रेरणा हुई तो उन्होंने बड़े मनोयोग और परिश्रम से ‘लव्स लेबर्स लॉस्ट’ नाटक की रचना की। अर्ल ऑफ साउथैंप्टन यह नाटक पढ़कर बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने शेक्सपियर को उस नाटक में अभिनय करने के लिए प्रेरित किया।

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शेक्सपियर ने नाटक में अभिनय किया। उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी। लेखन और अभिनय की दुनिया में उनका नाम हो गया। इसके बाद तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और उनके नाटक राजमहल में भी होने लगे जिससे उन्हें पर्याप्त धनराशि और उपहारों से भी नवाजा गया। उनकी अन्य रचनाएं क्या छपीं, उनकी तो साहित्य जगत में धूम ही मच गई। लगभग 400 वर्ष बीत जाने पर भी अपनी लगन, परिश्रम, कर्मठता और प्रतिभा के बल पर शेक्सपियर अपनी रचनाओं के माध्यम से आज भी जीवंत हैं।

संकलन : मुकेश जैन