पैसा ना लागे रुपया ना लागे,
ना लागे कवडी दमड़ी,
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
मनवा खेती करो हरी नाम की ॥मन के बैल गुरु दिशा भटके,
रस्सी लगाओ गुरु ज्ञान की,
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
मनवा खेती करो हरी नाम की ॥
ना लागे कवडी दमड़ी,
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
मनवा खेती करो हरी नाम की ॥मन के बैल गुरु दिशा भटके,
रस्सी लगाओ गुरु ज्ञान की,
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
मनवा खेती करो हरी नाम की ॥
कहत कबीरा सुन भाई साधू,
भक्ति करो हरी हर की,
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
मनवा खेती करो हरी नाम की ॥