बुरी बातों को भूल जाना चाहिए

मनुष्य नवजात शिशु जैसा है, विकास ही उसका बल है।
-रवींद्रनाथ टैगोर

मनोरंजन नवीनता का दास है और समानता का शत्रु।
-प्रेमचंद

बुरी बातों को भूल जाना चाहिए, बुरी बातों को ही देखते रहेंगे तो इंसान हैवान बन जाएगा।
-विनोबा भावे

गलती तो कोई भी कर सकता है, लेकिन मूर्ख के अलावा कोई उसे जारी नहीं रखेगा।
-सिसरो

आनंद का मुख्य सिद्धांत तंदुरुस्ती है और तंदुरुस्ती का मुख्य सिद्धांत कसरत।
-टामसन

जो शत्रु तुम पर आक्रमण करते हैं, उनसे मत डरो। उन मित्रों से डरो जो तुम्हारी चापलूसी करते हैं।
-ओब्रगोन

ज्ञान अभिमानी होता है कि उसने बहुत कुछ सीख लिया। बुद्धि विनीत होती है कि वह अधिक कुछ जानती ही नहीं।
-शंकराचार्य

लोकमत का अर्थ है जिस समाज की राय हमें चाहिए, उसका मत। यह नीति विरुद्ध न हो तब उसका आदर करना हमारा कर्तव्य है।
-महात्मा गांधी

जो व्यक्ति जनता के पैर बनकर चलता है, उसे कांटे नहीं चुभ सकते।
-रामकुमार वर्मा