बरसाने की लट्ठमार होली, हुरियारों ने ठिठोली शुरू की तो यूं पड़ी लट्ठ की मार

बरसाने में कुछ इस तरह खेली गई लट्ठमार होली, देखें तस्वीरें

लड्डू होली के बाद बरसाने के श्रीजी मंदिर में विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली खेली गई। इस होली के उत्सव को देखने के लिए देश विदेश से हजारों लोग लाड़ली मंदिर में पहुंचे थे। श्रद्धालु और विदेशी भी होली के गीतों पर खुद थिरकने से रोक नहीं पाए। बरसाने की लट्ठमार होली फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन नंदगांव के ग्वालबाल होली खेलने के लिए राधा रानी के गांव बरसाने जाते हैं और फिर अगले दिन बरसाने गांव के लोग नंदगांव जाते हैं। चटख रंग का लहंगा-ओढ़नी पहन सोलह श्रृंगार करके लंबा घूंघट काढ़े हुरियारनों को होरियारों ने ठठेली शुरू किया तो हुरियारनों ने लाठियों की बरसात शुरू कर दी। फिर हंसी-ठिठोली के बीच शुरू हो गई बरसाना की विश्व प्रसिद्ध होली…

हजारों लोग मंदिर में जुटे

बरसाने में शुक्रवार से ही होली खेलने के लिए हजारों लोग श्रीजी मंदिर में जुट गई थे। दोपहर को कृष्ण स्वरूप ध्वजा को लेकर नंदगांव के होरियारे बरसाने स्थिति पीली पोखर पहुंचे।

बरसाने और नंदगांव की लट्ठमार होली, जानें खूबियां और मान्यताएं

भगवान कृष्ण का होता है अनुभव

द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण होली खेलने के लिए सबसे आगे रहते थे। शायद इसीलिए आज भी ब्रज की होली में उनकी उपस्थिति का अनुभव होता है। यह अनुभूति सभी के लिए आनंददायक होती है।

मीन संक्रांति 14 मार्च, इन राशियों का बिगड़ेगा बजट, बढ़ेगी परेशानी

जमकर बरसाया गुलाल

इसके बाद होरियारों का स्वागत किया गया फिर भांग और ठंडाई का स्वाद चखने के बाद अपने-अपने सिरों पर साफा बांधा और श्रीजी मंदिर के लिए निकल पड़े। बरसाना की गलियों में जब हुरियारे पहुंचे तो उन पर जमकर गुलाल और रंग डाला गया।

इस तरह खेलेंगे होली तो धन लाभ के साथ घर में आएगी सुख-शांति और समृद्धि

रसिया गाकर रिझाया

छतों पर बरसाना की गोपिया खड़ी दिखीं, जिनको नंदगांव के ग्वालों ने ठिठोली करना शुरू कर दिया। साथ ही रसिया गाकर उन्हें रिझाने की कोशिश भी की।

होलाष्टक शुरू, इन दिनों में भूलकर भी न करें ये काम

जमकर बरसाए लट्ठ

बरसाने की रंगीली चौक पर खड़ीं होरियारिनों को जब रसिया गाकर होरियारों ने ठिठोली करना और रिझाना शुरू किया तो हुरियारिनों ने उन पर जमकर लट्‌ठ बरसाए।

होलिका दहन के लिए मिलेगा केवल इतना समय, जानें कब है होली और पूजा विधि

राधा कृष्ण की लीलाओं में हुए लीन

घुटनों के बल बैठकर होरियारे ढाल पर लाठियों की मार से खुद को बचाते दिख रहे थे। इस अनोखी होली को देख बाहर से आए श्रद्धालु होली के रंग में सराबोर होकर राधा कृष्ण की लीलाओं में लीन दिखे।

ब्रज में कितने तरह की मनाते हैं होली, जानें इनकी खास बातें

पुरुषों को कहते हैं हुरियारे

लट्ठमार होली के दिन नंदगांव के ग्वालबाल होली खेलने के लिए राधा रानी के गांव बरसाने जाते हैं और बरसाना गांव के लोग नंदगांव में जाते हैं। इन पुरुषों को हुरियारे कहते हैं।