फागुन की ये मस्ती कुछ ऐसे बरस रही है:भजन (Phagun Ki Yah Masti Kuch Ase Baras Rahi Hai)

फागुन की ये मस्ती कुछ ऐसे बरस रही है,
कुछ और ही कहना चाहूं जय श्री श्याम ही निकल रही है ॥खाटू नगरी जो भी जाए खाली हाथ ना आए,
जो लौट लौट कर आए वह जय श्री श्याम ही गए,
श्याम कृपा से मेरी ये हस्ती बदल रही है ,
कुछ और ही कहना चाहूं जय श्री श्याम ही निकल रही है ॥

खाटू की पावन गलियों में गूंज रहा जयकारा,
कहते है प्रेमी इनको हार का श्याम सहारा,
श्याम दरस को मेरी ये अखियां तरस रही है ,
कुछ और ही कहना चाहूं जय श्री श्याम ही निकल रही है ॥
BhaktiBharat Lyrics

फागुन आया फागुन आया साथ में खुशियां लाया,
खुश होकर राम श्याम ने बाबा को भजन सुनाया,
खाटू में आकर के सारी दुनिया झूम रही है,
कुछ और ही कहना चाहूं जय श्री श्याम ही निकल रही है ॥