दृढ़ संकल्प एक गढ़ के समान है, जो भयंकर प्रलोभनों से हमें बचाता है। दुर्बल आैर डवांडोल होने पर रक्षा करता है।
-महात्मा गांधी
-महात्मा गांधी
श्रद्धा का मूल तत्व है, दूसरे का महत्व स्वीकार।
-रामचंद्र शुक्ल
पवित्रता वह संपत्ति है, जो प्रेम के बाहुल्य से पैदा होती है।
-रवीन्द्रनाथ टैगोर
प्रतिभा जाति पर निर्भर नहीं है। जो परिश्रमी है, वही फल प्राप्त करता है।
-शाह अब्दुल लतीफ
प्रेम संयम और तप से उत्पन्न होता है। भक्ति साधना से प्राप्त होती है। श्रद्धा के लिए अभ्यास और निष्ठा जरूरी है।
-हजारी प्रसाद द्विवेदी
सच्ची जिंदगी वही है जहां हम अपने लिए नहीं, सबके लिए जीते हैं।
प्रेमचंद